ITI Students Jobs: उत्तर प्रदेश में आईटीआई से प्रशिक्षित युवाओं को नौकरी मिलने के मौके तेजी से घटे हैं। लखनऊ समेत राज्यभर के रोजगार मेलों में पिछले पांच महीनों में आईटीआई पास छात्रों को सबसे कम जॉब ऑफर मिले। विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी वजह पुरानी तकनीक पर आधारित कोर्स हैं, जिनकी आज के समय में डिमांड लगभग खत्म हो चुकी है। कंपनियां अब नई तकनीक जैसे एआई, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन से प्रशिक्षित युवाओं को प्राथमिकता दे रही हैं। बीते एक साल में 814 आईटीआई संस्थान बंद हो चुके हैं और हजारों सीटें खाली पड़ी हैं। सरकार अब इन कोर्सों की समीक्षा कर रही है और बड़े बदलाव की तैयारी में है।
206 पुराने कोर्स बने बोझ, कंपनियां नहीं दे रहीं जॉब ऑफर
उत्तर प्रदेश के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) में पढ़ाए जा रहे 206 पुराने कोर्स अब युवाओं के लिए रोजगार का जरिया नहीं बन पा रहे हैं। लखनऊ के अलीगंज ITI में आयोजित 17 रोजगार मेलों में देखा गया कि जहां स्नातक, परास्नातक और बीटेक छात्रों को आसानी से नौकरी मिली, वहीं आईटीआई पास छात्र दरकिनार कर दिए गए। खासकर फिटर और मैकेनिकल ट्रेड के छात्रों को, जिनकी पहले भारी मांग होती थी, अब बड़ी कंपनियां जैसे टाटा, मारुति और हीरो मोटर्स तक नजरअंदाज कर रही हैं।
आईटीआई अलीगंज के प्लेसमेंट अधिकारी एमए खान ने बताया कि कंपनियां अब पुराने तकनीकी कोर्स में प्रशिक्षित युवाओं की बजाय उन छात्रों को चुन रही हैं जो नए जमाने की टेक्नोलॉजी में दक्ष हैं। इसी कारण आईटीआई पास छात्रों को रोजगार मिलना मुश्किल हो गया है।
पांच महीनों में महज 403 ITI छात्रों को नौकरी
अलीगंज ITI द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 से मई 2025 तक कुल 17 रोजगार मेलों में 3227 अभ्यर्थियों को नौकरियां मिलीं। इनमें से 2215 युवा नॉन-आईटीआई पृष्ठभूमि से थे जबकि केवल 403 आईटीआई छात्रों को ही जॉब ऑफर मिल पाए। इससे साफ है कि कंपनियां अब आईटीआई को प्राथमिकता नहीं दे रहीं।
बीते 5 महीनों में रोजगार मेलों के आंकड़े
महीना | कंपनियां | प्रतिभागी | आईटीआई पास | नॉन-आईटीआई पास |
---|---|---|---|---|
जनवरी | 06 | 2274 | 40 | 1641 |
फरवरी | 01 | 133 | 00 | 100 |
मार्च | 03 | 73 | 00 | 60 |
अप्रैल | 20 | 1247 | 00 | 901 |
मई | 16 | 1490 | 363 | 587 |
814 आईटीआई संस्थान हो चुके बंद, अब होगा बड़ा बदलाव
देशभर में करीब 26 लाख आईटीआई सीटों की व्यवस्था है, लेकिन प्रवेश सिर्फ 12 से 14 लाख ही हो पा रहे हैं। नतीजतन, पिछले एक साल में 814 आईटीआई संस्थानों ने अपनी मान्यता समाप्त कर दी है। वहीं, बीते 5 साल में 21,000 से अधिक इकाइयों ने संबद्धता खत्म की, क्योंकि करीब 4.49 लाख सीटें खाली रहीं।
उत्तर प्रदेश की राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (SCVT) अब 206 पुराने कोर्सों को बंद करने की तैयारी कर रही है। इनकी जगह अब ड्रोन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फैशन डिजाइनिंग जैसे कोर्स शुरू किए जाएंगे। जिन कोर्सों में पिछले पांच वर्षों में 30% से कम प्रवेश हुए हैं, उन्हें खत्म करने पर विचार किया जा रहा है।
पुराने जमाने की तकनीक अब युवाओं को रोजगार नहीं दिला पा रही है। आईटीआई कोर्सों में अब बदलाव की ज़रूरत है ताकि युवा बदलती दुनिया की मांगों के अनुसार तैयार हो सकें। सरकार का यह कदम स्वागतयोग्य है, लेकिन इसे तेज़ी से लागू करना वक्त की मांग है।