प्रयागराज ऑनलाइन डेस्क। संगम नगरी प्रयागराज में 13 फरवरी 2025 से महाकुंभ का आगाज होने जा रहे है। जिसको लेकर त्रिवुणी पूरी तरह से सज-धज कर तैयार है। साधू-संतों के साथ भक्त भी बड़ी संख्या में सगम नगरी पहुंच रहे है। प्रशासन ने सभी के ठहरने, खाने-पीने और इलाज के लिए अस्पतालों का निर्माण करवाया है। जनपद में पहली बार 7 उपनगर बनाए गए हैं। यहां स्थापित केंद्रीय अस्पताल में अब तक दो बच्चों का जन्म हो चुका है। जन्म लेने वाले नवजातों में एक बच्ची और एक बच्चा है। बच्ची का नाम गंगा तो बच्चे का नाम कुंभ रखा गया है। जच्चा-बच्चा वस्थ हैं और डॉक्टर्स की देखरेख में हैं। यूपी के डिप्टी ब्रजेश पाठक ने परिजनों को बधाई देते हुए कहा कि इस अस्पताल में विश्वस्तरीय सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
7 उपनगर बनाए गए हैं
महाकुम्भ 2025 का आयोजन चार हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कराया जा रहा है। दुनिया के सबसे बड़े अस्थाई नगर पर आधारित प्रदर्शनी को मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने पीएम नरेंद्र मोदी को दिखाई थी। जिसमें बताया गया कि यह अस्थाई नगर कितना विस्तारित होगा। इसमें 7 उपनगर बनाए जा रहे हैं। सभी उपनगर में डीएम से लेकर एसपी और सीएमओ को तैनात किया जाएगा। इन उपनगरों में भक्तों के ठहरने, भोजन, स्वास्थ समेत अन्य सुविधाएं मौजूद रहेंगी। इसी उपनगर में बनाए गए अस्पताल में दो बच्चों ने जन्म लिया। बच्चा-बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। इनके नामकरण भी किए गए हैं।
बच्चे का नाम कुंभ रखा गया
यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बताया कि महाकुंभ स्थित केंद्रीय अस्पताल में ओपीडी, सामान्य वार्ड, प्रसव केंद्र, ऑपरेशन थियेटर और आईसीयू की व्यवस्था की गई है। लोगों को इलाज भी मिलना शुरू हो गया है। रविवार को 20 वर्षीय गर्भवती सोनम को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। बच्चे का नाम कुंभ रखने पर परिजनों ने सहमति जताई है। जिसके बाद उसका नाम कुंभ रख दिया गया।
बच्ची का नाम गंगा रखा गया
जबकि सोमवार को गर्भवती शिव कुमारी को भी प्रसव पीड़ा होने पर केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों की देखरेख में महिला ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। परिजनों की सहमति पर इस बच्ची का नाम गंगा रखा गया है। ब्रजेश पाठक ने कहा कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की देखभाल, हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए उच्चश्रेणी की व्यवस्था की गई हैं। कुंभ में आने वाले भक्तों को किसी भी प्रकार की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। सरकार और प्रशासन ने मिलकर युद्ध स्तर पर काम किया हे।
महाकुंभ में करती थीं मजदूरी
बताया जा रहा है कि महाकुंभ के केंद्रीय अस्पताल में बच्चों को जन्म देने वाली दोनों महिलाएं मेला क्षेत्र में कामगार थीं। यह अपने परिवार के साथ यहां मजदूरी का काम करती थीं। डॉक्टर मनोज कौशिक ने बताया कि दो अन्य गर्भवती महिलाएं भी अस्पताल में आई हुई हैं, समय पर इनकी भी डिलीवरी कराई जाएगी। उनके मुताबिक महाकुंभ के इस अस्थाई अस्पताल में ऑपरेशन की भी व्यवस्था है। डॉक्टर के मुताबिक, बच्चा-जच्चा दोनों पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं।
अस्पताल में बनाए गए अलग-अलग वार्ड
डिप्टी सीएम ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्तर के अफसर की देखरेख में परेड स्थल स्थित अस्पताल में बहुविधा वाह्य व अतः रोगी सेवाएं, सभी चिकित्सकीय उपकरण, चिकित्सा सामग्रियां व विभिन्न औषधियों से युक्त इस अस्पताल में महिला, पुरुष व बाल रोगियों के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं। आकस्मिक कक्ष, आईसीयू, प्रसव कक्ष, एक्स-रे, बायोकेमेस्ट्री जांच सहित प्रयोगशाला व अल्ट्रासाउंड सुविधा भी शुरू हो गई है।
231 चिकित्सक किए गए तैनात
डिप्टी सीएम ने बताया कि कुल 231 चिकित्सक इस अस्पताल में तैनात किए गए हैं। अस्पताल में सर्जन, फिजिशियन, बाल रोग व अस्थि रोग विशेषज्ञ, गाइनोकोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट, नेत्र रोग विशेषज्ञ व दंत रोग विशेषज्ञ की तैनाती की गई है। चिकित्सकों की सहायता के लिए पैरामेडिकल स्टाफ भी अस्पताल में रहेगा। इनमें फार्मासिस्ट, वार्ड बॉय, स्टाफ नर्स, नेत्र सहायक, लैब टेक्नीशियन, डेंटल हाइजीनिस्ट शामिल हैं।