न्यू हाथरस सिटी: 4000 हेक्टेयर में आकार लेगा उत्तर प्रदेश का नया औद्योगिक और रिहायशी केंद्र

उत्तर प्रदेश के हाथरस में यमुना एक्सप्रेसवे के निकट 4000 हेक्टेयर में 'न्यू हाथरस सिटी' बसाने की तैयारी तेज हो गई है। मास्टर प्लान-2041 के लिए तीन कंपनियों ने तकनीकी बिड क्वालिफाई कर ली है, जिससे इस क्षेत्र के औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी।

New Hathras Master Plan 2041: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक आधुनिक ‘न्यू हाथरस अर्बन सेंटर’ विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। फेज-2 के तहत लगभग 4000 हेक्टेयर भूमि पर प्रस्तावित इस नए शहर के मास्टर प्लान-2041 के निर्माण के लिए तीन प्रमुख कंपनियों—आरवी इंजीनियरिंग, गरुणा यूएसबी सॉफ्ट सॉल्यूशन और एलईए एसोसिएट साउथ एशिया—ने तकनीकी बिड में अपनी दावेदारी मजबूत कर ली है।

रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण यह शहर न केवल औद्योगिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा, बल्कि इसे एक सुनियोजित रिहायशी हब के रूप में भी विकसित किया जाएगा। ऐतिहासिक रूप से व्यापारिक केंद्र रहे हाथरस को अब यमुना एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी के जरिए वैश्विक पहचान दिलाने की योजना है, जिसके लिए जल्द ही वित्तीय बिड के आधार पर अंतिम कंपनी का चयन किया जाएगा।

New Hathras

विकास का खाका और कंपनियों का चयन

यमुना प्राधिकरण के सीईओ आर.के. सिंह की अध्यक्षता में गठित एक उच्च स्तरीय कमेटी ने मास्टर प्लान के लिए आई कंपनियों के प्रजेंटेशन का बारीकी से निरीक्षण किया। प्राधिकरण के अनुसार, तकनीकी रूप से सफल पाई गई तीनों कंपनियां अब वित्तीय प्रतिस्पर्धा में भाग लेंगी। जिस कंपनी का चयन होगा, वह सबसे पहले 4000 हेक्टेयर के क्षेत्र का विस्तृत मास्टर प्लान तैयार करेगी। इस प्लान में यह स्पष्ट किया जाएगा कि कहां फैक्ट्रियां लगेंगी, कहां घर बनेंगे और कहां हरित क्षेत्र (ग्रीन बेल्ट) विकसित किया जाएगा।

रणनीतिक स्थिति और कनेक्टिविटी

New Hathras सिटी की सबसे बड़ी ताकत इसकी भौगोलिक स्थिति है। यह शहर सीधे तौर पर यमुना एक्सप्रेसवे के नजदीक स्थित है, जो इसे दिल्ली, नोएडा और आगरा जैसे बड़े शहरों से जोड़ता है। इसके अलावा:

  • सड़क संपर्क: यह क्षेत्र एनएच-93 और एसएच-33 से बेहतर ढंग से जुड़ा हुआ है।

  • रेल कनेक्टिविटी: हाथरस का रेल नेटवर्क अलीगढ़ और आगरा के मुकाबले काफी सुदृढ़ है, जो माल ढुलाई (लॉजिस्टिक्स) के लिए वरदान साबित होगा।

  • अधिसूचित क्षेत्र: प्राधिकरण ने जिले के लगभग 358 गांवों को योजना के तहत अधिसूचित किया है, जिससे भविष्य में विस्तार की अपार संभावनाएं हैं।

ऐतिहासिक विरासत और आधुनिक विजन

ब्रिटिश काल में New Hathras अपने ‘हींग’ और सूती वस्त्र उद्योगों के लिए एक बड़ा औद्योगिक केंद्र था। समय के साथ, बुनियादी ढांचे की कमी के कारण यह अपनी चमक खोने लगा था। अब, उत्तर प्रदेश सरकार और यीडा का लक्ष्य इसे एक आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस करना है। यीडा के एसीईओ शैलेंद्र भाटिया ने पुष्टि की है कि मास्टर प्लान का काम जल्द शुरू होगा और पहले चरण में एक्सप्रेसवे के सबसे करीबी हिस्से को विकसित किया जाएगा।

यह परियोजना न केवल स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी, बल्कि यमुना एक्सप्रेसवे कॉरिडोर में निवेश को भी आकर्षित करेगी। जेवर एयरपोर्ट के नजदीक होने के कारण, न्यू हाथरस सिटी अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए एक प्रमुख ट्रांजिट पॉइंट बन सकता है।

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