लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ ही बीजेपी के लिए 2024 खट्टे-मीठे अनुभव वाला साल रहा। इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार झेलनी पड़ी और पार्टी के सासंदों की संख्या 62 से घटकर 32 रह गई। जबकि एनडीए को भी नुकसान हुआ और सांसदों की संख्या 64 से 36 रह गई। जिसके चलते सूबे की राजनीति का पारा चढ़ा। सीएम योगी से लेकर दोनों डिप्टी सीएम को दिल्ली तलब किया गया। बैठकों का दौर चला। हार की जांच को लेकर कमेटी बनी। जांच रिपोर्ट आई। पर हाईकमान का विश्वास सीएम योगी आदित्यनाथ पर पहले की तरह बरकरार रहा।
2024 के लोकसभा पर भी बीजेपी की नजर
2014 में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने लोकसभा का चुनाव लड़ा और दिल्ली में पहली बार अकेले अपने दम पर सरकार बनाई। जीत का सिलसिला 2019 में भी बरकरार रहा। इन दोनों जीतों में यूपी ने अहम रोल निभाया। अब सबकी नजर 2024 के लोकसभा चुनाव पर थीं। 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान हुआ। इसके मुख्य यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने। स्वतंत्र भारत में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने देश के बहुसंख्यकों की भावनाओं के सम्मान का सार्वजनिक शंखनाद किया।
फैजाबाद सीट तक हार गई बीजेपी
पीएम नरेंद्र मोदी के इस कदम से ऐसा माहौल बना, जिससे लगा कि मोदी का लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा हकीकत में बदलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रदेश में बीजेपी की सीटें ही नहीं घटीं, बल्कि फैजाबाद (अयोध्या) सीट भी बीजेपी हार गई। यह बीजेपी के लिए बड़ा झटका था। साल 2024 को बीजेपी के विजय रथ पर ब्रेक लगा। सांसदों की दृष्टि से प्रदेश में 10 साल के बाद बीजेपी को दूसरे नंबर की पार्टी बनी। हालांकि, साल उत्तरते-उतरते बीजेपी गठबंधन ने विधानसभा उपचुनाव की नौ में से सात सीटें जीतकर फिर पहले नंचर का रुतबा हासिल कर लिया।
उपचुनाव में चला सीएम योगी का जादू
उपचुनाव में जीत का बड़ा श्रेय प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ और कार्यकर्ताओं के साथ उनके सीधे संवाद की जाएगा। सीएम ने उपचुनावों को चुनौती के रूप रूप में लिया। सारी सीटों के लिए खुद न्यूह रचना की। अगर कहा जाए कि 2024 में जाते-जाते उपचुनाव के नतीजों के जरिये योगी के प्रशासनिक कौशल के साथ संगठनात्मक कौशल का भी प्रमाण दे दिया है ती अतिश्योक्ति नहीं होगी। सीएम योगी ने चुनाव से पहले एक नारा दिया, जो सुपरहिट रहा। इस नारे की गूंज दूसरे राज्यों तक पहुंची। जिसके बाद सीएम योगी की डिमांड भी बढ़ी। इसका नतीजा ये रहा कि बीजेपी महाराष्ट्र और हरियाणा में प्रचंड जीत दर्ज की।
2024 में सीएम योगी के धाकड़ बयान
अब 2024 की रवानगी होने जा रही है। ऐसे में इस साल भी यूपी की सियासत में सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम की धूम रही। सीएम योगी ने 2024 में कुछ ऐसे बयान दिए, जो अखबारों की हेडलाइन बने। उन्होंने इटावा में 25 अप्रैल को तल्ख तेवर दिखाते हुए सपा नेत्री के मंगलसूत्र के बयान पर दो टूक जवाब दिया था और सपा सरकार में हुई हत्याओं का हिसाब मांगा था। उन्होंने दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय, राजू पाल व अधिवक्ता उमेश पाल की नृशंस हत्या का मुद्दा उठाते हुए पूछा था कि अलका राय, पूजा पाल, जया पाल और अयोध्या में कारसेवकों की पत्नी के मंगलसूत्र का हिसाब समाजवादी पार्टी कब देगी।
ओबीसी में बजरंग बली की शक्ति
29 जुलाई को लखनऊ में बीजेपी पिछड़ा वर्ग मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि विपक्षी दल छद्म धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिंदू समाज को आपस में लड़ाने की साजिश रच रहे हैं। ओबीसी समाज में बजरंग बली की शक्ति है, बस उस शक्ति को जगाने की आवश्यकता है। 1 अगस्त को लखनऊ में ही सीएम योगी गोमतीनगर में बारिश के दौरान युवती से हुई अभद्रता पर बिफरे थे। सीएम ने विधानसभा के मानसून सत्र में सपा को खूब धोया था। 20 अगस्त को सीएम योगी ने कहा था कि अयोध्या, गोमतीनगर व कन्नौज में हुई महिला उत्पीड़न की घटनाएं ही समाजवादी पार्टी का ’नवाब ब्रांड’ है।
बंटेगे तो कटेंगे का दिया नारा
26 अगस्त को आगरा में सीएम योगी आदित्यनाथ का यह बयान न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि देश व दुनिया में भी चर्चा में रहा। सीएम योगी ने सबसे पहले यह बयान आगरा में राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा के अनावरण अवसर पर दिया था। उन्होंने आमजन से कहा कि राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता। राष्ट्र तभी मजबूत होगा, जब हम सब एक होंगे। बंटेगे तो कटेंगे, एक रहेंगे-नेक रहेंगे। बांग्लादेश में देख रहे हैं न, वो गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए। सीएम योगी का ये बयान देश का मॉडल बना। हरियाणा से लेकर महाराष्ट्र की गलियों में नारे के बैनर लगवाए गए।
देख सपाई, बिटिया घबराई
29 अगस्त को कानपुर के राजकीय इंटर कॉलेज, लाल इमली, चुन्नीगंज में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सपा से जुड़े पन्नों को उलटेंगे तो इनका इतिहास काले कारनामों से भरा पड़ा है। समाजवादी पार्टी की टोपी लाल, लेकिन कारनामे काले हैं। नवंबर को मीरापुर विधानसभा उपचुनाव प्रचार के पहले दिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि 2012-17 के बीच नारा चलता था कि जिस गाड़ी पर सपा का झंडा, समझो बैठा है कोई गुंडा। इसके बाद सीएम ने अयोध्या व कन्नौज प्रकरण का जिक्र कर तंज कसा था कि देख सपाई, बिटिया घबराई।
प्रोडक्शन हाउस ऑफ दंगाई एंड अपराधी
9 नवंबर को मैनपुरी विधानसभा उपचुनाव प्रचार के दौरान सीएम ने कहा था कि बबुआ अभी बालिग नहीं हुआ है, इसलिए कभी-कभी ऐसा काम कर देता है, जिससे मैनपुरी वालों के सामने भी संकट खड़ा हो जाता है। 10 नवंबर को अंबेडकर नगर विधानसभा उपचुनाव प्रचार के दौरान सीएम योगी ने पीडीए को घेरते हुए कहा था कि इनका पीडीए (प्रोडक्शन हाउस ऑफ दंगाई एंड अपराधी) है। सपा माफिया व अपराधियों को पालने का प्रोडक्शन हाउस बन गया है।
दिया धमाकेदार भाषण
16 दिसंबर को शीतकालीन सत्र के पहले दिन सीएम ने पूछा कि मोहर्रम या किसी भी मुस्लिम त्योहार का जुलूस हिंदू मोहल्ले से, मंदिर के सामने से सुरक्षित निकल जाता है तो कोई समस्या नहीं होती। जब कोई हिंदू शोभायात्रा किसी मस्जिद के सामने या मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से निकलती है तब क्यों समस्या खड़ी होती है। क्या भारत की धरती पर केसरिया झंडा नहीं लग सकता। हिंदू मोहल्ले और मंदिर के सामने से मुस्लिम जुलूस निकल सकता है तो मुस्लिम मोहल्ले से कोई शोभायात्रा क्यों नहीं निकल सकती। सीएम योगी ने कहा था कि औरंगजेब के खानदान के लोग कोलकाता के पास रिक्शा चलाते हैं, यदि उन्होंने मंदिरों को तोड़ा नहीं होता तो वे लोग दुर्गति को प्राप्त नहीं किए होते।