गरजा बुलडोजर, दनकौर में खाली कराई 500 करोड़ की जमीन

दनकौर क्षेत्र में 4.6 हेक्टेयर (लगभग 46,000 वर्गमीटर) अतिक्रमित सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त करा लिया। यह जमीन खसरा नंबर 211 पर स्थित है।

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने गौतम बुद्ध नगर की सदर तहसील के दनकौर क्षेत्र में 4.6 हेक्टेयर (लगभग 46,000 वर्गमीटर) अतिक्रमित सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त करा लिया। यह जमीन खसरा नंबर 211 पर स्थित है और इसकी अनुमानित बाजार कीमत 200–500 करोड़ रुपये के दायरे में बताई जा रही है, जिस पर कॉलोनाइज़र और भूमाफिया अवैध प्लॉटिंग और निर्माण कर रहे थे।​

कैसे चली कार्रवाई, क्या-क्या ध्वस्त हुआ?

यीडा के ओएसडी शैलेन्द्र सिंह के नेतृत्व में प्राधिकरण की टीम ने स्थानीय पुलिस बल की मौजूदगी में बुलडोजर अभियान चलाया।​

सरकारी और प्राधिकरण की अधिसूचित भूमि पर बने टिनशेड, कच्ची‑पक्की दीवारें, स्थायी और अस्थायी निर्माण, फर्जी टाउनशिप की बाउंड्री वॉल और प्लॉटिंग के लिए की गई मार्किंग को पूरी तरह ध्वस्त किया गया।​

दिनभर चली कार्यवाही के बाद पूरी 4.6 हेक्टेयर जमीन को दोबारा यीडा के कब्जे में ले लिया गया।​

अधिकारियों के अनुसार यह पूरी कार्रवाई पहले की शिकायतों, साइट निरीक्षण और नोटिस जारी करने की प्रक्रिया के बाद की गई, ताकि वास्तविक खरीदारों और किसानों को भविष्य में किसी तरह का कानूनी विवाद न झेलना पड़े।​

किस काम आएगी यह जमीन?

यीडा ने स्पष्ट किया है कि मुक्त कराई गई यह भूमि मुख्य रूप से दो तरह के उपयोग के लिए आरक्षित है:

यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे इंटरचेंज से प्रभावित किसानों को 7% आबादी भूखंड देने की योजना।

एक्सप्रेसवे किनारे प्रस्तावित औद्योगिक, आवासीय और विशेष विकास परियोजनाएं, जो क्षेत्र में निवेश और रोजगार के नए अवसर तैयार करेंगी।​

अधिकारियों का कहना है कि दनकौर से लेकर जेवर, रबूपुरा और झाझर तक अधिसूचित क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों का जाल विकास कार्यों में बड़ी बाधा बन रहा था, इसलिए आने वाले समय में भी ऐसे अतिक्रमण के खिलाफ सतत अभियान जारी रहेगा।​

योगी सरकार की ‘नो टॉलरेंस’ नीति का संदेश

ओएसडी शैलेन्द्र सिंह ने बयान में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के अनुरूप सरकारी और प्राधिकरण की जमीन पर किसी भी तरह का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भविष्य में भी ऐसी गतिविधियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई, एफआईआर और लागत की वसूली की जाएगी।​

यह कार्रवाई न सिर्फ अतिक्रमण हटाने की औपचारिक काम है, बल्कि निवेशकों और किसानों दोनों को यह संदेश देने की कोशिश भी है कि यीडा क्षेत्र में औद्योगिक विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर और टाउनशिप प्रोजेक्ट्स के लिए भूमि संरक्षण और पारदर्शी प्रशासन सरकार की प्राथमिकता है।

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