Yogi Adityanath deepfake video लखनऊ में एक डीपफेक वीडियो को लेकर बड़ा बवाल मचा हुआ है। इस वीडियो में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मुस्लिम टोपी पहने हुए दिखाया गया है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद हजरतगंज पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी नेता राजकुमार तिवारी ने इस वीडियो को शेयर करने वाले “प्यारा इस्लाम” नाम के फेसबुक अकाउंट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
वीडियो में क्या दिखाया गया है
इस वीडियो में दो हिस्से हैं। एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ को टोपी पहने और मुस्कुराते हुए दिखाया गया है। दूसरी तरफ, एक व्यक्ति अपने चेहरे को दुपट्टे से ढके हुए उन्हें सलाम करता नजर आता है। यह वीडियो जैसे ही वायरल हुआ, वैसे ही सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। कई लोगों ने इसे गलत बताते हुए कार्रवाई की मांग की।
पुलिस ने क्या कदम उठाए
लखनऊ पुलिस ने इस वीडियो का संज्ञान लिया और जांच शुरू कर दी। सोशल मीडिया पर जब लोगों ने इसकी शिकायत की, तो पुलिस ने जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने वीडियो पर ध्यान दिया है और जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन जांच जारी है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
डीपफेक वीडियो का यह कोई पहला मामला नहीं है। पिछले साल मई में नोएडा में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। वहां एक शख्स को यूपी के मुख्यमंत्री का मॉर्फ्ड वीडियो शेयर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस तरह की फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर गलतफहमी फैलाने के लिए बनाई जाती हैं, जो कि एक गंभीर अपराध है।
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया
इस वीडियो के सामने आने के बाद लोग अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कई लोग इसे मुख्यमंत्री की छवि खराब करने की साजिश बता रहे हैं। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि इस तरह के डीपफेक वीडियो बनाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि दोबारा कोई इस तरह की हरकत न करे।
सरकार और प्रशासन का रुख
सरकार और प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इस तरह की भ्रामक और गलत जानकारी फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस साइबर टीम इस वीडियो को बनाने और फैलाने वालों की तलाश में जुट गई है।
डीपफेक की बढ़ती घटनाएं
डीपफेक वीडियो की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जो कि समाज में गलतफहमी और विवाद को जन्म देती हैं। इस मामले में पुलिस की जांच जारी है और जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई होने की संभावना है। सोशल मीडिया पर कुछ भी शेयर करने से पहले उसकी सच्चाई जांच लेना जरूरी हो गया है।