लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। सीएम योगी आदित्यनाथ दो दिन के दौरे पर दिल्ली गए हुए थे। अपने दिल्ली दौरे के दौरान सीएम योगी पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ ही दूसरे नेताओं से मिले। इसी के बाद यूपी में कैबिनेट विस्तार को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। बताया जा रहा है होली पर्व के बाद 6 नए मंत्री शपथ ले सकते हैं। इसके साथ ही कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव होने के साथ ही कुछ मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है। सूत्र बताते हैं कि जो मंत्री रिजाइन देंगे, उन्हें संगठन की कमान सौंपी जाएगी। सूत्र बताते हैं कि पूरी पठकथा लिखी जा चुकी है और रंगोत्सव के बाद इस पर मुहर भी लग जाएगी।
होली के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार
सीएम योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली आए थे। सीएम योगी ने शनिवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और रविवार को पीएम मोदी से मिले। दोनों ही नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक चली मुलाकात के बाद यूपी मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर संगठनात्मक बदलाव तक के कयास लगाए जाने लगे हैं। फिलहाल योगी कैबिनेट में 6 मंत्री पद खाली हैं। ऐसे में जेपी नड्डा और पीएम मोदी से सीएम योगी की मुलाकात को सरकार और संगठन में बदलावों पर सहमति बनाने के रूप में देखा जा रहा है। होली के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है।
लखनऊ दौरे पर आए थे विनोद तावड़े
सीएम योगी आदित्यनाथ के दिल्ली दौरे से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े दो दिवसीय लखनऊ दौरे पर आए थे। अपने प्रवास के दौरान विनोद तावड़े ने सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समेत कई नेताओं के साथ मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा की थी। उनके इस दौरे ने संगठन चुनाव के बीच योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं को तेज कर दिया।
6 नए मंत्री शपथ ले सकते हैं
फेरबदल की इन चर्चाओं ने कई मंत्रियों की बेचैनी बढ़ा रखी है। किसी को मंत्री पद छिनने का डर है, तो किसी को विभाग ना बदले इसकी चिंता है। हालत ये है कि जो मंत्री कल तक मनचाहा जिला अध्यक्ष बनवाने को दिल्ली तक जोर आजमाइश में जुटे थे, वो ये सब छोड़कर पहले अपनी कुर्सी बचाने की जुगत में लग गए हैं। सूत्रों की माने तो योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की डेट फिक्स हो गई है। सूत्र बताते हैं कि होली के बाद 6 नए मंत्री शपथ ले सकते हैं। सूत्रों की माने तो शपथ लेने वाले मंत्रियों के नाम भी लगभग-लगभग फाइनल हो गए हैं।
योगी कैबिनेट का हिस्सा हो सकते हैं
सूबे में दो साल बाद (2027) विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी योगी कैबिनेट का हिस्सा हो सकते हैं। इनके अलावा जाति समीकरण को साधने के लिए बीजेपी दलित और पिछड़े वर्ग से भी एक-एक मंत्री बना सकती है। वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए मंत्रियों को की नियुक्ति की जाएगी। हालांकि बीजेपी की रणनीति हमेशा चौंकाने की रही है। अब योगी की ‘मंडली’ में किसको एंट्री मिलेगी और किसका क्या छिनेगा ये जल्द ही पता चलने वाला है।
विधायक चद्रभानु पासवान बन सकते मंत्री
मिल्कीपुर सीट से उपचुनाव जीते विधायक चंद्रभानु पासवान को योगी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। चद्रभानु पासवान ने सपा उम्मीदवार अजीत प्रसाद को करीब 60 हजार वोटों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की है। चंद्रभानु दलित समाज से आते हैं। लोकसभा चुनाव में दलित समाज का एक बड़र तबगा बीजेपी से छिटक कर कांग्रेस-सपा के साथ चला गया था। जिसमें पासी समाज का मतदाता भी था। पासी समाज के मतदाता यूपी की 15 से 20 सीटों पर जीत-हार तय करते हैं। अगर लोकसभा की बात करें तो अमेठी, रायबरेली, अयोध्या-फैजाबाद, सुल्तानपुर सीट पर पासी समाज के वोटर्स अहम रोल निभाते हैं।
यानी 6 पद अब भी खाली
यूपी की योगी सरकार में अभी 21 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 19 राज्यमंत्री हैं। जिनकी कुल संख्या 54 है। सरकार में 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। यानी 6 पद अब भी खाली हैं, जो इस बार भरे जा सकते हैं। इसके अलावा योगी सरकार ने पिछले दिनों में अपने कई मंत्रियों के कार्य और जमीन पर उनके असर की समीक्षा की थी। इस आधार पर योगी मंत्रिमंडल में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। सूत्र बताते हैं कि कई मंत्रियों से रिजाइन लेकर उन्हें सगठन की जिम्मेदारी दी जा सकती है। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी स्वतंत्रदेव सिंह को यूपी का नया बीजेपी अध्यक्ष बना सकती है।