लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। योगी सरकार ने मंत्री, विधायक और एमएलसी को बड़ा तोहफा दिया है। करीब 9 साल के बाद विधानसभा और विधान परिषद सदस्यों और मंत्रियों के वेतन और भत्ते बढ़ा दिए गए हैं। इस बढोतरी के बाद विधायकों को सीधे तौर पर हर माह 67750 रुपये और मंत्रियों को 77750 रुपये का फायदा होगा। इसके अलावा कुछ अन्य भत्ते भी रहेंगे। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि 9 साल बाद यह बढ़ोतरी की गई है। इस बड़े फैसले के लिए सरकार ने 105.21 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन करेगी।
मानसून सत्र के अंतिम दिन बृहस्पतिवार को संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने उत्तर प्रदेश राज्य विधान मंडल सदस्य एवं मंत्री सुख- सुविधा विधि (संशोधन) विधेयक 2025 पेश किया जिसे सर्व सम्मति से पास कर दिया गया। जिसके बाद अब विधानसभा, विधान परिषद के विधायकों के साथ ही प्रदेश सरकार के मंत्रियों का वेतन और भत्ता बढ़ गया है। मार्च 2025 में गठित समिति की सिफारिशों पर यह फैसला लिया गया, जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सहमति दी। वहीं सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष ने भी इसे स्वीकार कर लिया है। अब विधायकों का वेतन 25 हजार से बढ़कर 35 हजार और मंत्रियों का 40 हजार से बढ़कर 50 हजार हो जाएगा।
समिति में सुरेश खन्ना के अलावा माता प्रसाद पांडेय, आशीष पटेल, राजपाल बालियान, संजय निषाद, ओम प्रकाश राजभर, अराधना मिश्रा मोना और रघुराज सिंह शामिल थे। सरसम्मत से पास हुआ कि इसको का वेतन 25,000 से बढ़कर 35 000 कर दिया जाए। इसी तरह मंत्रियों का वेतन 40,000 से बढ़कर 50000 कर दिया जाए। निर्वाचन क्षेत्र भत्ता को 50,000 से बढ़कर 75,000 कर दिया जाए। ऐसे ही रेलवे कूपन 4 लाख 25 हजार से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिए जाए। दैनिक भत्ता 2 हजार से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया जाए। जनसेवा कार्यों के लिए दैनिक भत्ता 1500 से बढ़ाकर 2000 कर दिया जाए। चिकित्सीय भत्ता जो अबतक 30 हजार रुपये था उसे 45 हजार रुपये कर दिया जाए।
इसी तरह टेलीफोन भत्ता 6 हजार से बढ़ाकर 9 हजार रुपये कर दिया जाए। पेंशन प्रतिमाह 25 हजार की जगह 35 हजार कर दिया जाए। सुरेश खन्ना ने बताया कि विधानपरिषद के पूर्व सदस्य को 6 वर्ष पूर्ण करने पर 2 हजार रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त पेंशन दी जाएगी। अगर किसी सदस्य का कार्यकाल 6 महीने या उससे ज्यादा है तो उसे एक पूरा वर्ष माना जाएगा और उससे कम होने पर एक साल का कम माना जाएगा। पारिवारिक पेंशन न्यूनतम प्रतिमाह 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये कर दी गई है। वेतन और भत्ता बढ़ने से विधायक खुश नजर आए। विधायकों का कहना है कि पिछले 9 सालों से वेतन नहीं बढ़ाया गया था। सरकार की ये पहल सराहनीय है।
पूर्व विधायकों को रेलवे कूपन के लिए एक लाख रुपये मिलता था, इसमें 50 हजार रुपये निजी वाहन के लिए थे। अब इसे एक लाख रुपये से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि इसमें 105 करोड़ 63 लाख रुपये की सालाना व्यवस्था की गई है। इससे 105 करोड़ 21 लाख 63 हजार रुपये का सरकार पर बोझ आयेगा। इससे पहले अगस्त 2016 में वृद्धि हुई थी उससे बाद वस्तुओं के दाम में वृध्दि हुई है। ये जरूरी हो गया था। विधेयक रखते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि करीब नौ साल पहले अगस्त 2016 में वेतन एवं भत्ते बढ़े थे। सभी दलों की मांग पर कमेटी बनाई गई। कमेटी की संस्तुति के आधार पर बढोतरी की गई है।