Yogi govt: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सहायता प्राप्त (एडेड) अशासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के परिवारों को बड़ी राहत दी है। Yogi govt ने ऐसे मृतक शिक्षकों के परिजनों को डेथ ग्रेच्युटी (मृत्यु उपदान) देने का फैसला किया है, जो सेवा में रहते हुए 60 वर्ष की आयु पूरी होने से पहले ही दिवंगत हो गए थे। यह निर्णय उन शिक्षकों पर भी लागू होगा जिन्होंने रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का विकल्प चुना था लेकिन विकल्प बदलने की समय सीमा से पहले उनका निधन हो गया। उच्च शिक्षा विभाग ने कैबिनेट से मंजूरी के बाद इस बाबत शासनादेश भी जारी कर दिया है, जिससे सैकड़ों परिवारों को आर्थिक राहत मिल सकेगी।
अब सभी मृतक शिक्षकों के परिजनों को मिलेगा लाभ
Yogi govt के इस फैसले के तहत अब उन शिक्षकों के परिजन भी डेथ ग्रेच्युटी के हकदार होंगे, जिनकी सेवा के दौरान मृत्यु 58 वर्ष या 60 वर्ष की आयु पूरी होने से पहले हो गई। उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि यह लाभ उन शिक्षकों के परिजनों को भी मिलेगा जिन्होंने सेवा विस्तार यानी 62 वर्ष तक कार्य करने का विकल्प चुना था, लेकिन विकल्प की समय-सीमा पूरी होने से पहले ही उनका निधन हो गया।
3 फरवरी 2004 के बाद से लागू होगा नियम
मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने जानकारी दी कि यह नियम 3 फरवरी 2004 के बाद से प्रभावी होगा। यानी इस तारीख के बाद जिन शिक्षकों की मृत्यु 60 वर्ष की आयु पूरी होने से पहले हुई है, उनके परिजनों को सरकार डेथ ग्रेच्युटी का भुगतान करेगी। यह निर्णय उन मामलों को भी कवर करेगा, जहां शिक्षक ने रिटायरमेंट का कोई विकल्प नहीं दिया और उनका निधन कार्यकाल के दौरान हुआ।
कितनी मिलेगी डेथ ग्रेच्युटी?
Yogi govt ने ग्रेच्युटी की अधिकतम राशि भी तय कर दी है। यदि किसी शिक्षक की मृत्यु जनवरी 2024 से पहले हुई थी, तो उसके परिजनों को अधिकतम 20 लाख रुपये की ग्रेच्युटी दी जाएगी। वहीं 1 जनवरी 2024 के बाद जिन शिक्षकों की मृत्यु हुई है, उनके परिवारों को 25 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी मिलेगी। यह फैसला शिक्षकों के परिवारों के लिए बड़ी राहत और सम्मान की बात है।