Yogi govt: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने संपत्ति रजिस्ट्रियों में पारदर्शिता और निगरानी को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब प्रदेश के उन सभी जिलों और स्थानों पर औचक स्थलीय निरीक्षणों की संख्या बढ़ाई जाएगी, जहाँ भूमि सौदों की रजिस्ट्री अत्यधिक हो रही है, खासकर धार्मिक और पर्यटन महत्व वाले क्षेत्रों में। इस फैसले का उद्देश्य संपत्ति के क्रय-विक्रय में होने वाली संभावित धोखाधड़ी और राजस्व चोरी पर अंकुश लगाना है, जिससे आम जनता के हितों की रक्षा सुनिश्चित हो सके। पहले से तय निरीक्षणों की मासिक संख्या को उप-निबंधक, एडीएम और जिलाधिकारी को स्वतः बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
स्टाम्प तथा पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने कहा कि यह कदम अनियमितताओं को शुरुआती चरण में ही रोकने और त्रुटि रहित विभागीय निगरानी सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। यह नई व्यवस्था विशेष रूप से रजिस्ट्री की संख्या में अचानक वृद्धि वाले स्थानों पर केंद्रित होगी।
जांच व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर जोर
स्टांप तथा पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने शनिवार को इस महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार संपत्ति रजिस्ट्री प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और त्रुटि रहित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
Yogi govt मंत्री जायसवाल ने कहा कि प्रदेश भर में उन सभी स्थानों पर जहां संपत्ति रजिस्ट्रियों काफी अधिक हो रही हैं, वहां औचक स्थलीय निरीक्षणों की संख्या में वृद्धि की जाएगी। यह निर्णय हाल ही में धार्मिक और पर्यटन महत्व वाले क्षेत्रों में हुए भूमि सौदों की जांच के संदर्भ में व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए लिया गया है।
औचक निरीक्षणों की संख्या में वृद्धि
अभी तक सभी जिलों में उप-निबंधक को हर माह 50, एडीएम को 25 और जिलाधिकारी को पाँच औचक स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश थे। अब उन्हें निर्देशित किया गया है कि इस संख्या को वे अपनी आवश्यकतानुसार और स्वत: बढ़ा दें।
नई व्यवस्था के तहत, उन स्थानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जहां रजिस्ट्री की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। इसका मुख्य लक्ष्य विभागीय कार्यों की त्रुटि रहित निगरानी करना और किसी भी अनियमितता को उसके शुरुआती चरण में ही रोकना है।
जनता के हित प्राथमिकता
Yogi govt मंत्री ने स्पष्ट किया कि निरीक्षण की संख्या बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य उन सभी स्थानों पर विभागीय कार्यों की त्रुटि रहित निगरानी सुनिश्चित करना है जहां रजिस्ट्री का काम अधिक है। यह कदम संपत्ति के क्रय-विक्रय में होने वाली संभावित धोखाधड़ी और राजस्व चोरी को रोकने के लिए उठाया गया है, जिससे आम जनता के हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। सरकार हर स्तर पर एक पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।









