Yogi Govt Contractual Employees Daily Wage Earners: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार विधानमंडल के आगामी शीतकालीन सत्र में ‘उत्तर प्रदेश पेंशन की हकदारी तथा विधिमान्यकरण अध्यादेश- 2025’ को एक स्थायी कानून बनाने के लिए बिल के तौर पर पेश करेगी। यह अध्यादेश, जिसे कैबिनेट ने अगस्त में मंज़ूरी दी थी, पेंशन की पात्रता को स्पष्ट करने और इससे जुड़े दावों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लाया गया है। इसके कानून बनने के बाद केवल वही कर्मचारी पेंशन के पात्र होंगे जिनकी नियुक्ति नियमावली के अनुसार किसी स्थायी पद पर हुई है।
इस कदम से दैनिक वेतनभोगी (Daily Wage Workers) और संविदा कर्मचारी (Contractual Workers), भले ही वे सीपीएफ या ईपीएफ के सदस्य हों, पेंशन का दावा नहीं कर पाएंगे। यह कानून 1 अप्रैल 1961 से प्रभावी माना जाएगा, जिसका उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया पूरी न करने के बावजूद नौकरी करने वालों द्वारा सेवानिवृत्ति के बाद किए गए पेंशन दावों पर रोक लगाना है, जिनमें से कई मामले वर्तमान में अदालतों में लंबित हैं।
अध्यादेश का उद्देश्य
सरकार का यह अध्यादेश ऐसे मामलों को नियंत्रित करने के लिए लाया गया है, जिनके तहत कुछ कर्मचारियों ने विभाग की नियमावली या विनियमावली में तय भर्ती प्रक्रिया पूरी न करने के बावजूद सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन का दावा किया था। इस तरह के कई मामले वर्तमान में अदालतों में लंबित हैं। अध्यादेश के माध्यम से सरकार पेंशन पात्रता की स्पष्ट परिभाषा निर्धारित करना चाहती है।
पेंशन के लिए पात्रता:
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पात्र: केवल वही कर्मचारी पेंशन के पात्र होंगे, जिनकी नियुक्ति नियमावली के अनुसार किसी स्थायी पद पर हुई है।
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अपात्र: दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारी, भले ही वे सीपीएफ या ईपीएफ के सदस्य हों, पेंशन का दावा नहीं कर सकेंगे।
यह अध्यादेश 1 अप्रैल 1961 से प्रभावी माना जाएगा।
3 कंपनियों को प्रोत्साहन राशि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य में निवेश करने वाली तीन कंपनियों को प्रोत्साहन राशि देने का भी महत्वपूर्ण फैसला लिया गया।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की सिफारिश के आधार पर, कैबिनेट ने निम्नलिखित तीन कंपनियों को प्रोत्साहन राशि जारी करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है:
कंपनी का नाम |
स्थान |
उद्देश्य |
जारी की जाने वाली राशि |
मेसर्स पसवारा पेपर्स लिमिटेड |
मेरठ |
विस्तारीकरण |
$1,50,15,711$ रुपये |
मेसर्स केआर पल्प एंड पेपर्स लिमिटेड |
शाहजहांपुर |
विस्तारीकरण |
$56,39,785$ रुपये |
मेसर्स बृंदावन एग्रो इंडस्ट्री्स प्राइवेट लिमिटेड |
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इकाई का विस्तार |
$17,06,26,256$ रुपये |
