Zia Ur Rehman Barq: समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर को हुई हिंसा के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका में उन्होंने खुद पर दर्ज नामजद एफआईआर को चुनौती दी है, जो उन्हें हिंसा भड़काने के आरोप में दोषी ठहराती है। बर्क का कहना है कि वह इस दिन उत्तर प्रदेश में नहीं थे और बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। इस मामले में सांसद ने कोर्ट से एफआईआर को रद्द करने की मांग की है और पुलिस की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने की अपील की है।
24 नवंबर को संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया कि बर्क ने लोगों को हिंसा के लिए उकसाया था। हालांकि, सपा सांसद ने इस आरोप को पूरी तरह से नकारा है और कहा है कि वह इस दिन उत्तर प्रदेश में मौजूद ही नहीं थे। उनकी दलील है कि वह बेंगलुरु में थे, जहां एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए थे।
मामले में बर्क ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में खुद को बेगुनाह बताया है। उन्होंने कहा कि 24 नवंबर को हिंसा की घटना के दौरान वह बेंगलुरु में थे और वहां अपने कार्यक्रम के बाद शांतिपूर्ण माहौल बनाने की अपील की थी। याचिका में यह भी कहा गया है कि उनके खिलाफ एफआईआर सियासी बदले की भावना से दर्ज की गई है, ताकि उनकी छवि को खराब किया जा सके और उनका उत्पीड़न किया जा सके।
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इस मामले में Zia Ur Rehman Barq की तरफ से अधिवक्ता विनीत विक्रम और सीनियर एडवोकेट इमरान उल्ला दलीलें पेश करेंगे। शुक्रवार को हाईकोर्ट में इस याचिका की सुनवाई होनी है, जो सर्दियों की छुट्टी से पहले हाईकोर्ट का अंतिम कार्य दिवस है। यह देखना बाकी है कि क्या सांसद बर्क को इस मामले में राहत मिलती है या नहीं।
सपा सांसद Zia Ur Rehman Barq की याचिका में अदालत से यह भी मांग की गई है कि एफआईआर को रद्द किया जाए और उनके खिलाफ गिरफ्तारी या पुलिस की किसी भी उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई जाए।