Mahakumbh 2025 : प्रयागराज का महाकुंभ हर बार कुछ नया लेकर आता है, और इस बार इसकी चर्चा का केंद्र बनी हैं रूस से आईं इजरा। सनातन धर्म को समझने की चाह में भारत पहुंचीं इजरा अब सोशल मीडिया पर धूम मचा रही हैं। नागा संन्यासियों की रवानगी के बाद, उन्होंने इस आध्यात्मिक सफर की शुरुआत की। उनकी सादगी, खूबसूरती और धार्मिक जिज्ञासा ने उन्हें इंटरनेट स्टार बना दिया है।
गुरु सत्यानंद गिरी के साथ आध्यात्मिक सफर
इजरा इस महाकुंभ में अपने गुरु सत्यानंद गिरी के साथ आई हैं, जो उन्हें सनातन धर्म और संन्यास परंपरा के बारे में सिखा रहे हैं। इजरा का कहना है कि यह उनका पहला महाकुंभ है, और यह दुनिया का सबसे अनूठा आध्यात्मिक मेला है।
यहां आकर उन्होंने न केवल भारतीय संस्कृति को करीब से देखा, बल्कि सनातन धर्म को अपनाने का फैसला भी कर लिया। उनके गुरु सत्यानंद गिरी बताते हैं कि इजरा ने गुरु मंत्र ले लिया है और अब वे आध्यात्मिक जीवन की नई शुरुआत करने के लिए तैयार हैं।
सोशल मीडिया पर छा गई इजरा
महाकुंभ में इजरा की उपस्थिति ने सोशल मीडिया पर जबरदस्त हलचल मचा दी है। युवा पीढ़ी उनकी एक झलक पाने और सेल्फी लेने के लिए उनके गुरु के शिविर तक पहुंच रही है।
इजरा की सबसे बड़ी खासियत उनकी सादगी और प्राकृतिक खूबसूरती है। बिना किसी मेकअप के भी वे इतनी आकर्षक हैं कि लोग उन्हें फिल्मी सितारों से भी ज्यादा पसंद कर रहे हैं। उनकी मासूमियत और सौम्यता ने उन्हें महाकुंभ का सबसे चर्चित चेहरा बना दिया है।
मोनालिसा और हर्षा रिछारिया से आगे निकलीं
इससे पहले माला बेचने वाली मोनालिसा और मॉडल हर्षा रिछारिया की महाकुंभ में काफी चर्चा हो रही थी, लेकिन अब इजरा ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।
इजरा की लोकप्रियता इसलिए भी खास है क्योंकि वे किसी कंपनी द्वारा प्रमोट नहीं की जा रही हैं। न वे कोई प्रचार कर रही हैं और न ही किसी ब्रांड के लिए काम कर रही हैं। उनकी सादगी ही उनकी असली पहचान बन गई है, और इसी वजह से वे इतनी तेजी से मशहूर हो रही हैं।
इजरा का असली मकसद,आध्यात्मिक ज्ञान
हालांकि, सोशल मीडिया पर इतनी लोकप्रियता मिलने के बावजूद इजरा का असली मकसद केवल आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना है। वे संन्यासियों के जीवन को समझना चाहती हैं और खुद को इस आध्यात्मिक ऊर्जा से जोड़ना चाहती हैं।
महाकुंभ में वे अपने गुरु से मार्गदर्शन ले रही हैं और धीरे धीरे आध्यात्मिक जीवन की ओर बढ़ रही हैं। उनकी यह यात्रा महाकुंभ की नई पीढ़ी को आध्यात्मिकता से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रही है।
इजरा ने महाकुंभ में सिर्फ एक विदेशी पर्यटक बनकर नहीं, बल्कि आध्यात्मिक साधक बनकर कदम रखा है। वे सोशल मीडिया पर भले ही सेंसेशन बन गई हों, लेकिन उनका असली उद्देश्य सनातन धर्म को समझना और अपनाना है। उनकी यह यात्रा दिखाती है कि महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक मेला नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और आध्यात्मिक जागरण का एक मंच है।