Chamoli Glacier Burst: उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव के पास शुक्रवार सुबह भीषण हिमस्खलन हुआ जिसमें सड़क निर्माण कार्य में लगे 55 मजदूरों के दबने की खबर सामने आई। अब तक 50 मजदूरों को बचाया जा चुका है जबकि 4 की मौत हो गई है। 4 मजदूर अब भी लापता हैं जिनकी तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी सेना
लापता मजदूरों को खोजने के लिए सेना और बचाव दल युद्धस्तर पर अभियान चला रहे हैं। सेना का फोकस तीन कंटेनरों की खोज पर है जहां मजदूरों के होने की संभावना है। अब तक 5 कंटेनरों को ढूंढा गया है लेकिन 6 फीट गहरी बर्फ के कारण तीन कंटेनर अब भी नहीं मिल पाए हैं। स्निफर डॉग्स और ड्रोन तकनीक की मदद से मजदूरों (Chamoli Glacier Burst) की तलाश की जा रही है। भारतीय वायुसेना ने भी बचाव कार्य तेज कर दिया है 6 हेलीकॉप्टर राहत-बचाव अभियान में लगे हुए हैं।
घटनास्थल पहुंचे सीएम धामी
उत्तराखंड (Chamoli Glacier Burst) के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को प्रभावित क्षेत्र माणा पहुंचे जहां उन्होंने हालात का जायजा लिया और रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी हालात पर नजर बनाए हुए हैं और राहत-बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं।
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तकनीक का सहारा लेकर बचाव कार्य जारी
बचाव अभियान में ड्रोन-आधारित इंटेलिजेंट बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम, जीपीआर रडार (ग्राउंड पेनीट्रेशन रडार) और सेना के स्निफर डॉग्स की मदद ली जा रही है। हेली सर्विस के जरिए भी बचाव कार्य को गति दी जा रही है। सरकार और प्रशासन इस आपदा में फंसे लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने के प्रयास में जुटे हुए हैं। लापता मजदूरों की तलाश अभी भी जारी है।