Panchayat Elections : उत्तराखंड की राजनीति में हालिया जिला पंचायत चुनावों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि रणनीति मजबूत हो, संगठन चुस्त-दुरुस्त हो और नेतृत्व में दूरदर्शिता व संकल्पशक्ति हो, तो विजय सिर्फ कल्पना नहीं, धरातल पर उतरती सच्चाई बन जाती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में भाजपा ने जो चुनावी बिसात बिछाई, उसमें विपक्ष खासकर कांग्रेस न केवल मात खा गई, बल्कि कई स्थानों पर नामांकन तक नहीं कर पाई। आज नामांकन प्रक्रिया का अंतिम दिन था और माहौल पूरी तरह भाजपा के पक्ष में दिखा। अब तक भाजपा के चार जिला पंचायत अध्यक्ष और ग्यारह ब्लॉक प्रमुख निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं — जो कि संगठन की रणनीतिक तैयारियों का परिणाम है, न कि किसी संयोग का।
उत्तरकाशी से रमेश चौहान, पिथौरागढ़ से जितेंद्र प्रसाद, उधम सिंह नगर से अजय मौर्या, और चंपावत से आनंद सिंह अधिकारी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर निर्विरोध चुना गया है। वहीं ब्लॉक प्रमुखों में चंपावत से अंचला बोरा, काशीपुर से चंद्रप्रभा, सितारगंज से उपकार सिंह, खटीमा से सरिता राणा, भटवाड़ी से ममता पंवार, डुंडा से राजदीप परमार, जाखणीधार से राजेश नौटियाल, चंबा से सुमन सजवाण, विकासनगर से नारायण ठाकुर, पाबौ से लता देवी, और ताकुला से मीनाक्षी आर्य निर्विरोध जीत दर्ज कर चुकी हैं।
धामी ने बनाई नई रणनीति
सीएम धामी की योजना शुरू से स्पष्ट थी—राजनीति केवल चुनावी वादों की नहीं, जमीनी हकीकत और सूक्ष्म प्रबंधन की लड़ाई है। उन्होंने प्रत्येक जिले और ब्लॉक में जातीय, सामाजिक और भौगोलिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए भाजपा प्रत्याशियों का चयन कराया। संगठन स्तर पर बूथ से लेकर जिला तक समन्वय कायम किया गया ताकि विपक्ष मैदान में उतरने से पहले ही असमंजस में पड़ जाए।
कांग्रेस की हुई बुरी हार
दूसरी ओर, कांग्रेस अपने ही अंतर्विरोधों से जूझती नज़र आई। पार्टी न केवल चुनावी रणनीति में पिछड़ी, बल्कि कई स्थानों पर नामांकन तक न कर पाने की स्थिति में रही। आंतरिक गुटबाज़ी, स्पष्ट नेतृत्व का अभाव और संगठनात्मक ढीलापन ने कांग्रेस की हालत ऐसी कर दी कि वह भाजपा की योजना के सामने टिक ही नहीं पाई। नतीजतन, उसका खाता तक नहीं खुला और कार्यकर्ता निराशा में घिर गए। पंचायत स्तर की इस धमाकेदार जीत ने साफ कर दिया है कि भाजपा का संगठन सत्ता के शिखर पर ही नहीं, जमीनी स्तर पर भी उतना ही मजबूत और गतिशील है।
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यह चुनाव नतीजे केवल स्थानीय राजनीति तक सीमित नहीं हैं — वे इस संकेत के वाहक हैं कि भाजपा ने 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी अभी से शुरू कर दी है, और इसकी कमान खुद मुख्यमंत्री धामी ने संभाल ली है। जनता का संदेश भी साफ है: विकास, स्थायित्व और सशक्त नेतृत्व ही राज्य की प्राथमिकता है — और वर्तमान में इन तीनों का प्रतिनिधित्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भारतीय जनता पार्टी ही कर रही है।