लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। देश में अब भी ऐसे गांव हैं, जहां बिजली के पोल नहीं लगे और ग्रामीण अंधेरे में गुजर-बसर कर रहे। ऐसा ही एक गांव उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के बुटहनी वनटांगिया था, जहां लोग शाम होते ही अपने घरों पर कैद हो जाया करते। मोबाइल को चार्ज करने के लिए पड़ोसी गांवों में जाने को मजबूर थे। पर सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर आजादी के 77 साल बाद गांव में बिजली पहुंची तो उजियारा देख ग्रामीण खुशी से झूम उठे।
बुटहनी वनटांगिया गांव में पहुंची बिजली
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली थी और यूपी की कमान योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई। सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद ग्रामीणों के विकास को लेकर रोडमैप बनना शुरू हुए। पिछड़े और अति पिछड़े समुदायों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए जमीन पर कार्य शुरू हुए। जिसका नतीजा रहा है कि आजादी के 77 साल बाद गोंडा जिले के बुटहनी वनटांगिया गांव में पहली बार बिजली पहुंची है। गांव में रोशनी देख ग्रामीण गदगद हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शुक्रिया कहा।
अंग्रेजों ने ग्रामीणों को बसाया
बुटहनी वनटांगिया गांव गोंडा मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर बसा है। आजादी के बाद से इस गांव का विकास नहीं हुआ। जब भारत में अंग्रेजों की सरकार थी, तब ग्रामीणों को जंगल में बसाया गया था। आजादी के बाद से ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया। कईबार ग्रामीणों को यहां से दूरी जगह विस्थापित किया जाता रहा। घासफूस के मकानों में रहने वाले इन लोगों को जीवनयापन के लिए जलौनी लकड़ी पर निर्भर रहना पड़ता था। 2017 तक गांव के हालात अंग्रेजों के जवाने वाले थे।
सीएम योगी ने बदल दी गांव की तस्वीर
प्रदेश में बीजेपी सरकार आने के बाद साल 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम घोषित कर विकास की प्रक्रिया की नींव रखी। इस पहल के तहत समुदाय को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत घर, जमीन का मालिकाना हक, पीने का पानी और रोजगार के अवसर प्रदान किए गए। इन योजनाओं ने पहली बार वनटांगिया समुदाय को स्थिरता और अधिकार दिलाए। सीएम योगी की पहल पर आसपास के गांवों में बिजली के तार बिछाए गए और आखिर में वनटांगिया में भी बल्व जले।
बिजली पहुंचने से ग्रामीण गदगद
गांव में बिजली पहुंचने से ग्रामीण बहुत खुश हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव जंगल में होने के कारण यहां पर विषैली जीवजन्तु निकलते हैं। शाम के वक्त अंधेरा हो जाने से विषैली जन्तु लोगों को काट लेते हैं। बिजली नहीं होने के कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। पेयजल के अलावा मोबाइल की चार्जिंग के लिए दूसरे गांवों में जाना पड़ता था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले गांव को राजस्व गांव घोषित किया और अब बिजली पहुंचाकर हमारी अधिकतर समस्याओं का निराकरण कर दिया।