Environmental Conservation: देहरादून में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान, इस्तेमाल की गई तीन लाख खाली प्लास्टिक पानी की बोतलों को इकट्ठा करके उन्हें रीसायकल किया गया। इस प्रक्रिया से 30 बेंचें बनाई गईं, जो खेल परिसर में स्थापित की गई हैं। यह पहल ‘ग्रीन गेम्स’ की थीम के तहत की गई, जिसका उद्देश्य खेल आयोजनों को पर्यावरण के प्रति अधिक जिम्मेदार बनाना है।
खेल मंत्री का योगदान
उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्या ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में इन बेंचों का उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय खेलों को ‘ग्रीन गेम्स’ की थीम पर आयोजित करने का निर्णय लिया था, और यह पहल उसी का एक हिस्सा है। मंत्री ने बताया कि खिलाड़ियों और दर्शकों द्वारा उपयोग की गई खाली बोतलों को सभी आयोजन स्थलों से एकत्र करके रीसायकल किया गया, जिससे इन बेंचों का निर्माण संभव हुआ।
बेंचों की स्थापना और भविष्य की योजनाएं
फिलहाल, 10 बेंचें तैयार होकर महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में स्थापित की गई हैं, और छात्रों के उपयोग के लिए उपलब्ध हैं। जल्द ही बाकी की 20 बेंचें भी तैयार होकर स्थापित की जाएंगी। खेल मंत्री ने इस पहल को उत्तराखंड द्वारा खेलों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में स्थापित किया गया एक मील का पत्थर बताया।
छात्रों की भागीदारी और शपथ ग्रहण
इस अवसर पर स्पोर्ट्स कॉलेज के छात्र-खिलाड़ियों ने खेल अभ्यास और प्रतियोगिताओं के दौरान उत्पन्न होने वाले कचरे के रचनात्मक और रीसायकल्ड उपयोग की शपथ ली। इस कार्यक्रम में विशेष खेल सचिव अमित सिन्हा, खेल निदेशक प्रशांत आर्य, और स्पोर्ट्स कॉलेज के प्राचार्य राजेश ममगाईं सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मिशन जीरो प्लास्टिक बोतल अपशिष्ट के तहत उठाए गए कदम
आयोजन स्थलों का दौरा करके टीमों को शिक्षित किया गया।
200 से अधिक कूड़ा बीनने वालों और 100 सफाई कर्मचारियों के सहयोग से खाली बोतलें एकत्र की गईं।
प्लास्टिक कचरे की स्रोत पर, पिकअप स्थल पर, और डंप यार्ड पर जियो टैगिंग की गई।
राष्ट्रीय खेलों के दौरान कुल 3,00,000 बोतलें एकत्र करके रीसायकल की गईं।
इससे 9,870 किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन में कमी आई।
लगभग 2,67,000 मेगाजूल ऊर्जा की बचत हुई।