हादसे के बाद मचा हड़कंप
Kedarnath धाम की ओर जा रहा हेलीकॉप्टर जैसे ही गौरीकुंड क्षेत्र में पहुंचा, वह रडार से गायब हो गया। थोड़ी ही देर में दुर्घटना की खबर आई। घटना की सूचना मिलते ही NDRF और SDRF की टीमें मौके पर पहुंच गईं। राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन अब तक हेलीकॉप्टर में सवार सभी 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हादसे में मृतक उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से बताए जा रहे हैं।
चारधाम यात्रा की हेली सेवा सस्पेंड
इस Kedarnath दर्दनाक हादसे के बाद राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा के तहत चल रही सभी हेलीकॉप्टर सेवाओं को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का आदेश दिया है। यह रोक तब तक जारी रहेगी जब तक कि नई जांच और सुरक्षा समीक्षा पूरी नहीं हो जाती। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए यह निर्णय लिया गया है।
सीएम धामी ने दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए नागरिक उड्डयन और आपदा प्रबंधन विभाग को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उड़ान से पहले हेलीकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की पूरी तरह से जांच अनिवार्य की जाए। इसके अलावा मौसम की सटीक जानकारी लिए बिना किसी भी उड़ान की अनुमति न दी जाए। सीएम धामी ने मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाए, जो हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा, तकनीकी मानकों और संचालन प्रक्रिया की गहन समीक्षा कर नई SOP तैयार करे।
पहले भी हो चुके हैं हादसे
गौरतलब है कि यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले 7 जून को भी केदारनाथ की ओर जाते समय एक हेलीकॉप्टर को बडासू हेलिपैड से उड़ान भरने के तुरंत बाद तकनीकी खराबी के कारण इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी। बार-बार हो रही इन घटनाओं ने हेली सेवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
श्रद्धालुओं में डर और निराशा
इस Kedarnath हादसे के बाद तीर्थयात्रियों और उनके परिजनों में गहरी चिंता और भय का माहौल है। चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु, जो हेलीकॉप्टर सेवाओं का लाभ उठाते हैं, अब सड़क मार्ग से ही यात्रा कर रहे हैं। वहीं, हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए यह क्षण अत्यंत पीड़ादायक बन गया है। राज्य सरकार ने सभी मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता देने का भरोसा दिलाया है।