Champion’s controversy: ‘तमंचे पर डिस्को’ से लेकर हड्डियां तोड़ने की धमकी तक, विवादों के पोस्टर बॉय बने चैंपियन

प्रणव सिंह चैंपियन और विधायक उमेश कुमार के बीच विवाद ने हिंसक मोड़ ले लिया। खानपुर में फायरिंग और तोड़फोड़ की घटना से दहशत फैल गई। राजनीतिक अदावत का यह मामला जनता और प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया है।

Champion's

Champion’s Khanpur firing: उत्तराखंड के रुड़की में राजनीतिक अदावत ने नया मोड़ ले लिया, जब पूर्व विधायक प्रणव सिंह Champion’s ने मौजूदा विधायक उमेश कुमार के कार्यालय पर दिनदहाड़े फायरिंग कर सनसनी मचा दी। दोनों नेताओं के बीच सोशल मीडिया पर शुरू हुआ विवाद सड़क तक पहुंच गया। इस घटना में तीन लोग घायल हुए, जबकि प्रशासन को मौके पर भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा। चैंपियन का विवादों से पुराना नाता है—मगरमच्छ के शिकार से लेकर हथियारों की नुमाइश और हवाई फायरिंग तक, उनका नाम अक्सर सुर्खियों में रहा है। खानपुर से चार बार विधायक रह चुके चैंपियन का राजनीतिक सफर विवादों और चर्चाओं से भरा रहा है।

मौजूदा विवाद का घटनाक्रम

शनिवार रात सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियों से शुरू हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। उमेश कुमार ने लाइव आकर Champion’s को चुनौती दी, जिसके जवाब में चैंपियन लंढौरा स्थित उनके घर पहुंचे। वहां उमेश नहीं मिले तो उनके कैंप कार्यालय पर चैंपियन और उनके समर्थकों ने फायरिंग और तोड़फोड़ की। घटना का वीडियो चैंपियन ने अपने फेसबुक पर साझा किया, जिससे माहौल और गरमा गया।

आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की बात कही। इस घटना ने प्रशासन और जनता के बीच डर का माहौल बना दिया है।

विवादों से भरा चैंपियन का सफर

लंढौरा के गुर्जर राज परिवार से ताल्लुक रखने वाले प्रणव सिंह ने 2002 से 2022 तक चार बार विधायक रहते हुए राजनीति में गहरी छाप छोड़ी। लेकिन उनका सफर विवादों से अछूता नहीं रहा। 2003 में मगरमच्छ के शिकार, 2009 में हवाई फायरिंग, और 2011 में होटल मालिक पर फायरिंग जैसे मामलों ने उन्हें लगातार सुर्खियों में बनाए रखा।

2015 में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के घर पार्टी में फायरिंग का मामला और 2017 में हथियारों के साथ डांस करते हुए वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा ने उन्हें निष्कासित कर दिया था।

राजनीतिक दुश्मनी 

खानपुर सीट से 2022 के चुनाव में चैंपियन को हराने वाले उमेश कुमार से उनकी दुश्मनी अब खुलकर सामने आ गई है। दोनों नेताओं की बयानबाजी और हिंसक झगड़े ने स्थिति को गैंगवार जैसा बना दिया है। अब प्रशासन की चुनौती है कि कानून-व्यवस्था को बहाल किया जाए और आम जनता को इस राजनीतिक संघर्ष के खतरों से सुरक्षित रखा जाए।

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