U C C Uttarakhand देश का पहला राज्य बना जहां यूसीसी लागू होगा , नए कानून की पूरी जानकारी

उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने से विवाह, तलाक और संपत्ति के मामलों में समान कानून लागू होंगे। यह सभी धर्मों के लिए एक जैसे नियम बनाकर समानता और न्याय को बढ़ावा देगा। नई व्यवस्था में पंजीकरण अनिवार्य होगा।

Uniform Civil Code in Uttarakhand

Uniform Civil Code in Uttarakhand : करीब ढाई साल की मेहनत और तैयारी के बाद आखिरकार उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने का वक्त आ गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 26 जनवरी 2025 को इस कानून का औपचारिक ऐलान करेंगे। इसके साथ ही उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहां यूसीसी लागू होगा।
इस कानून के तहत विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, संपत्ति और लिव-इन जैसे मामलों में सभी धर्म और समुदायों के लिए एक समान कानून होगा। यह कदम प्रदेश में कानून व्यवस्था को सरल और निष्पक्ष बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव लाएगा।

यूसीसी की घोषणा से लागू होने तक का सफर

12 फरवरी 2022: विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ने यूसीसी लागू करने का वादा किया।
मई 2022
सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनी।
02 फरवरी 2024 विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी।
07 फरवरी 2024 विधेयक विधानसभा से पास हुआ।
11 मार्च 2024
राष्ट्रपति ने विधेयक को मंजूरी दी।
20 जनवरी 2025 नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिली।

इस दौरान हुई खास तैयारियां

43 अहम बैठकों में 72 बार गहन चर्चा की गई।49 लाख एसएमएस,
29 लाख व्हाट्सएप और 24 हजार ईमेल से सुझाव मिले।
2.50 लाख लोगों से समिति ने सीधे बातचीत की।
सऊदी, तुर्की, नेपाल, फ्रांस और कनाडा जैसे 10 देशों के यूसीसी का अध्ययन किया गया।

यूसीसी लागू होने से क्या बदलेगा

विवाह और तलाक पर समान कानून
लड़के की शादी की उम्र 21 साल और लड़की की 18 साल होगी
संपत्ति के अधिकार
बेटा और बेटी को समान अधिकार मिलेंगे।
लिव-इन रिश्तों के लिए नियम
लिव-इन में रहने वाले सभी लोगों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
महिलाओं के अधिकार महिलाएं भी पुरुषों की तरह तलाक के लिए समान कारणों का इस्तेमाल कर सकती हैं।हलाला और इद्दत जैसी प्रथाओं पर रोक।
जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेदभाव नहीं होगा।

पंजीकरण के नियम

विवाह, तलाक और लिव-इन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।बिना रजिस्ट्रेशन किए शादी करने पर ₹25,000 तक का जुर्माना लग सकता है।
लिव-इन जोड़ों के बच्चों को जैविक संतान माना जाएगा और संपत्ति में अधिकार मिलेगा।
नियमों का उल्लंघन करने पर 6 महीने की जेल या जुर्माना हो सकता है।

यह कदम क्यों है अहम

उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने से सभी धर्मों और समुदायों के लिए एक समान कानून होगा, जो न्याय और समानता को बढ़ावा देगा। यह प्रदेश के सामाजिक और कानूनी ढांचे को और मजबूत बनाएगा।जिससे सामाजिक बदलाव आएंगे।

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