Uttarakhand Housing Scheme: उत्तराखंड में गरीबों को सस्ते घर की योजना का ऐलान, पीएम आवास से भी बंपर स्कीम

उत्तराखंड सरकार ने गरीब और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए सस्ते आवास की नई योजना लॉन्च की है। पारंपरिक बाखली शैली में बनने वाले इन घरों पर केंद्र और राज्य सरकार की सब्सिडी मिलेगी, जिससे लोगों को किफायती घर मिल सकेंगे।

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Uttarakhand Housing Scheme: उत्तराखंड सरकार ने गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए एक नई आवासीय योजना का ऐलान किया है। इस योजना के तहत सरकार आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सस्ते और पारंपरिक शैली के घर उपलब्ध कराएगी। खास बात यह है कि यह योजना पीएम आवास योजना से भी अधिक लाभ देने वाली होगी, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार दोनों का सहयोग रहेगा। सरकार इस योजना के तहत Uttarakhand के पारंपरिक “बाखली शैली” के घरों को बढ़ावा देना चाहती है। इससे न केवल गरीबों को किफायती घर मिलेंगे, बल्कि पहाड़ी संस्कृति और वास्तुकला को भी बढ़ावा मिलेगा।

बाखली शैली क्या है?

Uttarakhand के पहाड़ी इलाकों में बाखली शैली के घरों का निर्माण पारंपरिक रूप से किया जाता है। इस शैली में घरों को सीधी रेखा में बनाया जाता है और बीच में एक बड़ा सामूहिक आंगन होता है। यह डिजाइन सामुदायिक जीवन को प्रोत्साहित करता है और लोगों को बेहतर सामाजिक जुड़ाव का अवसर देता है।

योजना के तहत मिलने वाले लाभ

  1. आर्थिक सहायता:
    • राज्य सरकार से 3 लाख रुपये का अनुदान
    • केंद्र सरकार से 1.5 लाख रुपये की सहायता
  2. निर्माण संबंधी नियमों में छूट:
    • स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में छूट
    • भूमि उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया सरल
    • भवन मानचित्र स्वीकृति में छूट
    • कम से कम 10 आवासीय इकाइयों का निर्माण अनिवार्य
    • परिवार की महिला सदस्य को प्राथमिकता
  3. इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं:
    • जल, बिजली, सड़क और सीवरेज की आसान उपलब्धता
    • कमजोर आय वर्ग के लिए सामूहिक आंगन और खुली सीढ़ियों की अनिवार्यता

आवासीय परियोजनाओं के लिए नियम

कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?

सरकार ने इस योजना के तहत पहली बार निम्न और निम्न-मध्यम वर्ग के लिए आय सीमा निर्धारित की है:

इस योजना का मुख्य उद्देश्य Uttarakhand के ग्रामीण और शहरी गरीबों को सुरक्षित, सस्ते और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध घर उपलब्ध कराना है। इससे न केवल आवासीय संकट दूर होगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।

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