Kedarnath helicopter crash: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा और आपदा राहत अभियानों के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाएं जीवन रेखा साबित होती रही हैं, लेकिन बीते 12 वर्षों में इन उड़ानों ने कई बार मातम भी दिया है। 2013 से 2025 के बीच राज्य में कुल 9 बड़ी हेलीकॉप्टर घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें से 7 हादसे क्रैश के रूप में सामने आए, जबकि 2 घटनाओं में इमरजेंसी लैंडिंग की गई। इन घटनाओं में कुल 36 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें पायलट, इंजीनियर, रेस्क्यू कर्मी और श्रद्धालु शामिल हैं।
Kedarnath आपदा बना सबसे काला अध्याय
सबसे ज्यादा घटनाएं साल 2013 में केदारनाथ त्रासदी के दौरान हुईं, जब भारी बारिश और भूस्खलन ने हजारों जिंदगियों को प्रभावित किया। राहत और बचाव कार्यों के लिए तैनात हेलीकॉप्टरों पर दबाव बहुत अधिक था, जिससे तकनीकी खराबी और मौसम के कारण कई क्रैश हुए।
- 21 जून 2013, गरुड़चट्टी के पास हेलीकॉप्टर क्रैश, पायलट समेत 2 मौतें
- 25 जून 2013, केदारनाथ में MI-17 वायुसेना का हेलीकॉप्टर राहत कार्य में क्रैश, 20 लोगों की मौत
- जून 2013, केदारनाथ में एक और राहत हेलीकॉप्टर क्रैश, 1 पायलट की मौत
- 24 जुलाई 2013, केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश, पायलट व इंजीनियर की मौत
इन चार घटनाओं में कुल 24 लोगों की जान गई, और ये हेलीकॉप्टर हादसे भारत के सबसे बड़े एविएशन राहत अभियान पर सवाल भी खड़े करते हैं।
हादसे रुके नहीं: 2017 से 2025 तक की घटनाएं
- 10 जून 2017, बदरीनाथ में टेक ऑफ करते समय हेलीकॉप्टर क्रैश, चीफ इंजीनियर की मौत
- 21 अगस्त 2019, आराकोट, उत्तरकाशी में आपदा राहत के दौरान हेलीकॉप्टर क्रैश, 3 मौतें
- 18 अक्टूबर 2022, गरुड़चट्टी, केदारनाथ में श्रद्धालुओं को ले जा रहा हेलीकॉप्टर क्रैश, पायलट समेत 7 की मौत
- 2 अक्टूबर 2023, गुप्तकाशी से केदारनाथ जा रहे हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग, सभी 5 यात्री सुरक्षित
- 7 जून 2025, सिरसी में क्रिस्टल एविएशन का हेलीकॉप्टर सड़क पर आपातकालीन लैंडिंग, 6 लोग बाल-बाल बचे
आंकड़ों की नजर में त्रासदी
वर्ष | स्थान | घटना | हताहत |
---|---|---|---|
2013 (4 बार) | केदारनाथ | 3 क्रैश + 1 | 24 मौतें |
2017 | बदरीनाथ | क्रैश | 1 मौत |
2019 | उत्तरकाशी | क्रैश | 3 मौतें |
2022 | केदारनाथ | क्रैश | 7 मौतें |
2023 | गुप्तकाशी | इमरजेंसी लैंडिंग | सभी सुरक्षित |
2025 | सिरसी | इमरजेंसी लैंडिंग | सभी सुरक्षित |
कुल घटनाएं: 9
क्रैश: 7
इमरजेंसी लैंडिंग: 2
कुल मौतें: 36+
क्या है वजह?
प्राथमिक जांच रिपोर्टों में हादसों के पीछे खराब मौसम, तकनीकी गड़बड़ी, और कुछ मामलों में माउंटेन फ्लाइंग अनुभव की कमी को जिम्मेदार ठहराया गया। अधिकतर Kedarnath हादसे मानसून या आपदा के दौरान हुए जब दबाव और जोखिम दोनों अधिक होते हैं।
सरकार की तैयारी और चिंता
उत्तराखंड सरकार ने हर हादसे के बाद जांच के आदेश दिए, लेकिन सुधारात्मक कदमों पर सवाल बरकरार हैं। एविएशन कंपनियों की मानिटरिंग, पायलट की ट्रेनिंग, और उच्च तकनीकी निगरानी प्रणाली की सिफारिशें अभी तक पूरी तरह लागू नहीं हुई हैं।
उत्तराखंड के पहाड़ों में हेलीकॉप्टर सेवाएं अब ज़रूरत से ज़्यादा मजबूरी बन चुकी हैं। हर हादसा न केवल मानवीय क्षति देता है, बल्कि सरकारी योजनाओं और निजी कंपनियों की सुरक्षा प्राथमिकताओं पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। अगर इस संवेदनशील इलाके में एविएशन ऑपरेशन्स को सुरक्षित नहीं बनाया गया, तो भविष्य में और भी बड़ी त्रासदियां इंतजार कर रही होंगी।