Uttarakhand political dispute: उत्तराखंड की राजनीति में खलबली मचाने वाला मामला सामने आया है, जहां बीजेपी से पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और खानपुर विधायक उमेश कुमार की आपसी अदावत हिंसक रूप ले चुकी है। सोशल मीडिया पर शुरू हुई बहस अब फायरिंग तक पहुंच गई है। आरोप है कि कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन अपने समर्थकों के साथ उमेश कुमार के कार्यालय में घुसकर फायरिंग और गाली-गलौज की। इस विवाद के बाद दोनों नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है और विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इस घटना ने सियासी भूचाल खड़ा कर दिया है, जबकि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इसे शर्मनाक करार दिया है।
सोशल मीडिया से शुरू होकर फायरिंग तक पहुंचा विवाद
पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और उमेश कुमार के बीच जुबानी जंग पहले भी देखी गई है, लेकिन इस बार मामला गंभीर हो गया। रुड़की गंगनहर स्थित उमेश कुमार के कार्यालय में चैंपियन और उनके समर्थकों ने घुसकर फायरिंग की। उमेश कुमार की शिकायत पर चैंपियन समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि चैंपियन की पत्नी की शिकायत पर उमेश कुमार के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ।
तनाव के बीच पुलिस ने संभाली स्थिति
घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया। Uttarakhand पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों नेताओं की सुरक्षा में लगे गनर को हटाने और उनके हथियारों के लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हरिद्वार एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोभाल ने मामले को गंभीर बताते हुए कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने घटना पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिन नेताओं को प्रदेश की सुरक्षा का जिम्मा निभाना चाहिए, उनके रवैये ने प्रदेश को शर्मसार किया है। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने इसे सरकार की विफलता बताते हुए कड़ा एक्शन लेने की मांग की। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर झूठे आरोप लगाने का दावा किया।
सियासत में बढ़ती कटुता
घटना के बाद राजनीति में कटुता और बढ़ गई है। जहां चैंपियन ने खुद को पीड़ित बताया, वहीं उमेश कुमार ने Uttarakhand पुलिस से नाराजगी जाहिर की। सत्ताधारी और विपक्षी पार्टियों के बयानों ने इसे और गरमा दिया है। इस मामले ने राजनीति में मर्यादा और जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।