Uttarakhand News: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के थलीसैंण ब्लॉक के कपरोली गांव में मनरेगा के तहत हुए विकास कार्यों में बड़ी धांधली का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, ग्राम प्रधान ने अपने विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों के खातों में मनरेगा की मजदूरी का भुगतान कर दिया। यह मामला सूचना के अधिकार (RTI) के तहत सामने आया, जिसमें कागजों पर दिखाए गए विकास कार्यों की सच्चाई कुछ और ही निकली। अब स्थानीय ग्रामीण और आरटीआई कार्यकर्ता की ओर से इस घोटाले की जांच की मांग की जा रही है।
धांधली और गबन के आरोप
कपरोली गांव में ग्राम प्रधान पर आरोप है कि उन्होंने मनरेगा की मजदूरी को अपने रिश्तेदारों और विदेश में रहने वाले भाई के खातों में डाला। इस दौरान कई विकास कार्यों में अनियमितता की बातें भी सामने आईं। ग्राम पंचायत के तहत जो कार्य कागजों में दिखाए गए थे, वे वास्तविकता में नहीं किए गए थे। आरटीआई कार्यकर्ता भगत सिंह रावत ने खुलासा किया कि जिन परियोजनाओं को कागजों पर पूरा दिखाया गया, वे भूमि पर मौजूद नहीं थीं। यह पूरी प्रक्रिया वित्तीय अनियमितताओं का संकेत देती है।
सार्वजनिक कामों का निजी लाभ
ग्राम प्रधान पर आरोप है कि उसने सार्वजनिक कार्यों में करोड़ों रुपये का गबन किया। इस सूची में रेलिंग निर्माण, सार्वजनिक शौचालय, सीसी मार्ग, पुश्ता निर्माण, घी ग्रोथ सेंटर, टिन शेड निर्माण जैसे कार्य शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इन कार्यों के नाम पर काफी धनराशि का भुगतान किया गया, लेकिन ये सभी काम असल में नहीं हुए। इसके साथ ही कुछ ऐसे व्यक्तिगत काम भी सार्वजनिक तौर पर दिखाए गए, जिनमें ग्राम प्रधान और उसके परिवार का निजी लाभ था।
अधिकारियों की जांच
ग्राम प्रधान के खिलाफ उठे आरोपों के बाद ग्रामीणों ने Uttarakhand प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। वे मानते हैं कि ग्राम प्रधान ने न सिर्फ सरकारी धन का दुरुपयोग किया, बल्कि कुछ लोगों के खातों में बिना काम किए भी मजदूरी का भुगतान कर दिया। इस मामले में Uttarakhand मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत ने कहा है कि एक जांच अधिकारी को नामित कर जल्द ही मामले की गहन जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।