Vasvi Tomar murder case: नैनीताल की ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में बीसीए सेकेंड ईयर की छात्रा वासवी तोमर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद लखनऊ के मडियांव क्षेत्र में शोक और आक्रोश का माहौल है। 18 वर्षीय वासवी के परिजनों ने साफ तौर पर रैगिंग और यूनिवर्सिटी प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए हत्या का आरोप लगाया है। मां का कहना है कि बेटी को धमकियां मिल रही थीं और वह रैगिंग का विरोध कर रही थी। वहीं भाई का दावा है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हो चुकी है। परिजन आरोप लगा रहे हैं कि यूनिवर्सिटी मामले को दबाने की कोशिश कर रही है और छात्राओं को चुप कराया जा रहा है।
Seeking Justice for Vasavi Singh : A Life Cut Short By Brutal Ragging at Graphic Era Hill University’s Bhimtal :
Vasavi stood up to it, protecting her junior from harm she shouldn’t have paid with her life.#JusticeForVasavi #StopRagging #GraphicEraHillUniversity pic.twitter.com/rdjg3Q8UJT— Kunwar Yashveer (@Kunwar_Yashveer) August 1, 2025
रैगिंग का किया था विरोध, मिली थी धमकी
लखनऊ की रहने वाली Vasvi Tomar ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, भीमताल में बीसीए सेकेंड ईयर की छात्रा थी। परिजनों के अनुसार, 29 जुलाई को वासवी ने मां बीनू सिंह से फोन पर बताया था कि कुछ सीनियर छात्राएं उसकी रूममेट की रैगिंग कर रही थीं, जिसका उसने विरोध किया। विरोध के बाद उसे धमकियां मिलीं। एक सीनियर छात्रा ने उसके कमरे में आकर बहस की, जिसका वीडियो भी वासवी ने मां को भेजा था।
मां का दर्द—’बेटी कमजोर नहीं थी, ये मर्डर है’
30 जुलाई को शाम पांच बजे यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से कॉल आया कि वासवी ने आत्महत्या कर ली। इस खबर ने परिवार को झकझोर दिया। मां बीनू सिंह का कहना है, “वासवी ने मुझसे हर बार अपनी परेशानी साझा की थी। वह डर रही थी लेकिन कमजोर नहीं थी। यूनिवर्सिटी उसे चुप कराना चाहती थी। मेरी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती, यह साफ-साफ मर्डर है।”
भाई ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हवाले से लगाए गंभीर आरोप
Vasvi Tomar के भाई आयुष सिंह ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई है। उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन लगातार बयान देने से इनकार कर रहा है। छात्राओं से परिजनों की बात नहीं होने दी जा रही और उन्हें धमकाया जा रहा है। परिजन दावा कर रहे हैं कि पूरा मामला दबाने की कोशिश हो रही है, ताकि यूनिवर्सिटी की छवि खराब न हो।
प्रशासन पर लगे गंभीर सवाल, चुप्पी पर उठे सवाल
Vasvi Tomar की मौत से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या यूनिवर्सिटी प्रशासन ने रैगिंग की शिकायत को नजरअंदाज किया? क्या छात्राओं को धमकाया जा रहा है? परिवार की मांग है कि मामले की सीबीआई जांच हो और दोषियों को सख्त सजा मिले। उत्तराखंड पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन अब देशभर में वासवी को न्याय दिलाने की मांग उठने लगी है।