Uttarkashi में कहर: खीर गंगा नदी में आई भीषण बाढ़ से थराली गांव तबाह, कई लोग मलबे में फंसे, बचाव कार्य जारी

उत्तरकाशी के थराली गांव में खीर गंगा नदी में अचानक आई बाढ़ से तबाही मच गई है। मलबे में कई लोग फंसे होने की आशंका है। SDRF-NDRF राहत कार्य में जुटी हैं। हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं।

Uttarkashi

Uttarkashi Crisis: उत्तराखंड के Uttarkashi जिले में खीर गंगा नदी में अचानक आई बाढ़ ने थराली गांव में भारी तबाही मचाई है। तेज बारिश के बाद नदी में उफान आया और पानी के साथ मलबा गांव में घुस गया। कई घर, सड़कें और दुकानें मलबे में दब गए हैं। कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। SDRF, NDRF और स्थानीय प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं। राहत-बचाव कार्य तेजी से जारी है। मुख्यमंत्री ने तत्काल सहायता देने का आदेश दिया है। मौसम विभाग ने और बारिश की चेतावनी दी है। संचार सेवाएं प्रभावित हैं और ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की गई है।

खीर गंगा की तबाही: बाढ़ और मलबे ने मचाई हड़कंप

Uttarkashi जिले के थराली गांव के पास बहने वाली खीर गंगा नदी में सोमवार देर रात अचानक बाढ़ आ गई। माना जा रहा है कि भारी बारिश और बादल फटने जैसी घटना के चलते नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा और कीचड़ व पत्थरों के साथ पूरा सैलाब गांव में घुस गया। कई घर मलबे में समा गए, दुकानें तबाह हो गईं और सड़कें कट गईं।

स्थानीय लोग बताते हैं कि बाढ़ इतनी तेजी से आई कि लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला। रातभर बारिश होती रही और तड़के गांव में अफरा-तफरी मच गई। कुछ ग्रामीणों ने पहाड़ी इलाकों में शरण ली, वहीं कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।

राहत और बचाव कार्य: रेस्क्यू में जुटी टीमें

आपदा प्रबंधन बल SDRF और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल NDRF की टीमें मौके पर तैनात हैं। गांव तक पहुंचना बेहद कठिन हो रहा है क्योंकि मलबे और कीचड़ ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया है। रेस्क्यू टीमों ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है।

उत्तरकाशी प्रशासन की ओर से खाद्य सामग्री, पीने का पानी और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जा रही है। कई लोगों को प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सरकार का रुख और केंद्र की मदद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल बैठक बुलाई और जिला प्रशासन को हर संभव मदद देने का निर्देश दिया। केंद्र सरकार ने भी उत्तराखंड को सहायता देने का आश्वासन दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की निगरानी में राहत कार्यों की समीक्षा की जा रही है।

प्रभावित क्षेत्र में हेलिकॉप्टर से बचाव कार्य की योजना थी, लेकिन खराब मौसम के चलते उड़ान संभव नहीं हो पाई। बिजली और मोबाइल नेटवर्क बाधित हैं जिससे संपर्क में दिक्कतें आ रही हैं।

लोगों की पीड़ा और प्रशासन की अपील

गांव के लोगों ने बताया कि यह बाढ़ 2013 की केदारनाथ आपदा की याद दिलाती है। कई परिवारों की आजीविका समाप्त हो चुकी है। खेत बर्बाद हो गए हैं, और पशुधन बह गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी के किनारे न जाएं, अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तराखंड के अन्य जिलों – टिहरी, चमोली और रुद्रप्रयाग – के लिए भी भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी जारी की है।
Uttarkashi प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों की निगरानी बढ़ा दी है और राहत शिविर तैयार किए जा रहे हैं। स्वयंसेवी संगठनों को राहत कार्यों में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया गया है।

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