Valmiki jayanti 2025:उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 7 अक्टूबर 2025 को पूरे प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। यह अवकाश महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर रखा गया है। सरकार द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि इस दिन सभी सरकारी दफ्तर, स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।
हालांकि, यह छुट्टी ‘Negotiable Instruments Act, 1881’ के तहत नहीं आती है। इसका मतलब है कि यह अवकाश बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर लागू नहीं होगा। यानी, बैंक इस दिन सामान्य रूप से खुले रहेंगे और वहां रोज़मर्रा के कार्य जारी रहेंगे।
लंबे समय से उठ रही थी मांग
काफी समय से भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज इस दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग कर रहा था। समाज के प्रतिनिधियों ने सरकार को कई बार ज्ञापन सौंपकर छुट्टी बहाल करने की अपील की थी। उनका कहना था कि पहले इस दिन सरकारी छुट्टी रहती थी, लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया था। अब सरकार द्वारा फिर से अवकाश घोषित किए जाने से समाज में खुशी और संतोष का माहौल है।
सीएम योगी ने पहले ही किया था ऐलान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 27 सितंबर को श्रावस्ती में एक जनसभा के दौरान यह घोषणा की थी कि 7 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती पर अवकाश रहेगा। उन्होंने कहा था कि “भगवान महर्षि वाल्मीकि की जयंती एक पवित्र अवसर है, जिसे पूरे प्रदेश में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जाना चाहिए।” सरकार के इस निर्णय को सामाजिक सौहार्द और संतुलन की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है।
कौन थे महर्षि वाल्मीकि
महर्षि वाल्मीकि को रामायण के रचयिता और आदिकवि (पहले कवि) के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपनी लेखनी से सत्य, धर्म और आदर्श जीवन का संदेश दिया। उनकी जयंती पर देशभर में भजन-कीर्तन, शोभायात्रा और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
क्या रहेगा बंद, क्या रहेगा खुला
7 अक्टूबर को प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।
वहीं, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान खुले रहेंगे।
सरकार ने जनता से अपील की है कि इस दिन लोग महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों और शिक्षाओं को याद करें और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लें।
महर्षि वाल्मीकि जयंती पर यूपी सरकार का अवकाश निर्णय समाजिक एकता और परंपरा के सम्मान का प्रतीक है। यह दिन हमें सिखाता है कि ज्ञान, कर्म और सत्य के मार्ग पर चलना ही सच्ची श्रद्धांजलि है।