वाराणसी गैंगरेप केस में सनसनीखेज मोड़: पीड़िता के चैट से उलझा केस, SIT कर रही गहराई से जांच

पीड़िता के सोशल मीडिया चैट्स से खुलासा हुआ कि उसने कुछ आरोपियों को कैफे बुलाया था। आरोपियों के परिवारों ने पुलिस पर पैसे की उगाही का आरोप लगाया। अब एसआईटी जांच कर रही है, नई गिरफ्तारी रोकी गई है।

Varanasi

Varanasi gang rape case: वाराणसी में 19 वर्षीय युवती के साथ 23 लोगों द्वारा सात दिनों तक किए गए कथित गैंगरेप के मामले ने अब एक चौंकाने वाला और उलझाने वाला मोड़ ले लिया है। सोशल मीडिया चैट्स में सामने आए नए तथ्यों ने पुलिस को भी चकरा दिया है। पीड़िता की इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप चैट्स में उसने खुद कुछ पुरुषों को कैफे में बुलाया था – इस खुलासे के बाद न केवल जांच की दिशा बदली है, बल्कि आरोपियों के परिवारों ने भी पुलिस पर पैसे की उगाही का गंभीर आरोप लगाया है। इसी के चलते अब केस की कमान एसआईटी को सौंप दी गई है, और नई गिरफ्तारी फिलहाल रोक दी गई है।

7 दिन, 23 आरोपी, और अब उलझते सवाल

29 मार्च से 4 अप्रैल के बीच Varanasi की इस छात्रा ने दावा किया था कि उसे नशीला पदार्थ देकर होटल, हुक्का बार और कैफे में अलग-अलग जगहों पर 23 लोगों ने रेप किया। लड़की कक्षा 12 में पढ़ती है और एक होटल के स्पा में काम करती थी। घटना के बाद वह लापता हो गई थी, और 6 अप्रैल को उसकी मां की शिकायत पर पुलिस ने 12 नामजद और 11 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी।

अब तक इस मामले में 12 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें राज विश्वकर्मा, समीर आलम और अनमोल गुप्ता जैसे नाम शामिल हैं। इन पर सेक्स रैकेट और ड्रग नेटवर्क चलाने के आरोप भी हैं।

सोशल मीडिया चैट्स और उगाही के आरोप ने बदला खेल

मामले की गूंज तब और तेज़ हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अप्रैल को Varanasi दौरे के दौरान सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसी बीच अब सामने आई चैट्स ने पुलिस को उलझन में डाल दिया है – पीड़िता द्वारा खुद कुछ आरोपियों को कैफे बुलाने की बात सामने आई है।

इसके साथ ही, कई आरोपियों के परिजनों ने पुलिस आयुक्त को लिखित शिकायत दी है कि पुलिसकर्मी मामले को दबाने के लिए उनसे मोटी रकम मांग रहे हैं। यही कारण है कि डीसीपी चंद्रकांत मीणा को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया, और जांच को एसआईटी के हवाले कर दिया गया।

अब सवालों के घेरे में खुद पीड़िता की भूमिका

जांच एजेंसियों के लिए सबसे बड़ा सवाल है – अगर सात दिन तक गैंगरेप हुआ, तो पीड़िता के शरीर पर कोई बाहरी चोट क्यों नहीं है? मेडिकल रिपोर्ट और व्यवहार में सामने आई विसंगतियों ने इस मामले को उलझा दिया है।

एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “यह केस अब सिर्फ गैंगरेप का नहीं रहा, इसमें सेक्सटॉर्शन, सोशल मीडिया का दुरुपयोग, ड्रग रैकेट और यहां तक कि पुलिस के भीतर भ्रष्टाचार की जांच भी शामिल हो गई है।”

यह मामला अब Varanasi से बाहर निकलकर देशभर में चर्चा का विषय बन चुका है। सोशल मीडिया पर जहां कुछ लोग पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं, वहीं कुछ सवाल उठा रहे हैं कि इस केस में सच क्या है।

एसआईटी की जांच से उम्मीद है कि सभी पहलुओं की निष्पक्षता से पड़ताल होगी और जो भी दोषी हैं – चाहे वह पुरुष हों, महिला या सिस्टम – उन्हें सज़ा जरूर मिलेगी।

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