Varanasi disputes: वाराणसी के छितौना गांव में ठाकुर और राजभर बिरादरी के बीच मामूली विवाद अब प्रदेश की राजनीति का बड़ा मुद्दा बन गया है। खेत में गाय घुसने से शुरू हुआ मामला हिंसा, गिरफ्तारी, यौन उत्पीड़न के आरोप और सियासी दखल तक पहुंच गया है। मंत्री अनिल राजभर के हस्तक्षेप के बाद ठाकुर पक्ष पर एफआईआर दर्ज की गई, जिससे करणी सेना और भाजपा नेता भड़क उठे। दोनों पक्ष अब एक-दूसरे पर साजिश और पक्षपात के आरोप लगा रहे हैं। पुलिस पर भी निष्क्रियता और पक्षपात के आरोप लगने के बाद चार आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी बनाई गई है। छितौना गांव में तनाव को देखते हुए भारी फोर्स तैनात है और पूरे इलाके में हाई अलर्ट है।
ग्राम छितौना ,वाराणसी में हुए मारपीट में मंत्री अनिल राजभर द्वारा एकतरफा अपने स्वजातीय का समर्थन देना ,प्रसाशन पर दबाब बनाना दो जातियों के बीच तगड़ी दरार डाल रहा है |
जबकि उस गांव में इकलौता घर क्षत्रिय का है ,30 साल से bjp के कार्यकर्ता है लेकिन फिर भी अनिल राजभर एकपक्षीय (1/2) pic.twitter.com/2tRwGWA6MA— Satendra Pratap (@SatendraPr42678) July 10, 2025
ठाकुर बनाम राजभर विवाद: कैसे एक मामूली झगड़ा बना बड़ा राजनीतिक मुद्दा
5 जुलाई को Varanasi छितौना गांव में संजय सिंह के खेत में एक गाय घुस आई, जिसे भगाने पर वह बगल में स्थित राजभर बिरादरी के खेत में चली गई। इसी बात को लेकर कहासुनी हुई और फिर मामला हिंसक हो गया। तलवार और लाठी-डंडे चलने से दोनों पक्षों के कई लोग घायल हुए। संजय सिंह और उनके भाई को पुलिस ने हिरासत में लिया, लेकिन रास्ते में उन पर दोबारा हमला हुआ। पीड़िता सुनीता राजभर ने आरोप लगाया कि संजय सिंह ने उनकी ननद से जबरदस्ती की कोशिश की और विरोध पर उनके पति व देवर को पीटा गया।
FIR, गिरफ्तारी और आरोपों के घेरे में पुलिस
राजभर पक्ष की तहरीर पर ठाकुर परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई, जबकि ठाकुर पक्ष की शिकायत पर Varanasi पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इस पर ठाकुर समाज ने करणी सेना के साथ विरोध किया। चौबेपुर थाने का घेराव हुआ और भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश सिंह भी ठाकुर परिवार के समर्थन में आए। बढ़ते दबाव में Varanasi पुलिस ने राजभर पक्ष के कुछ लोगों पर भी केस दर्ज किया। लापरवाही के आरोप में थाना प्रभारी को मीटिंग से बाहर कर दिया गया और चार आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी गठित हुई।
मंत्री अनिल राजभर और अरविंद राजभर ने क्या कहा?
मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि राजभर परिवार को न्याय दिलाकर रहेंगे। वहीं, सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने डीजीपी से मिलकर पुलिस की निष्क्रियता की शिकायत की। उनका आरोप है कि ठाकुर पक्ष को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है और झूठे आरोपों से राजभरों को फंसाया जा रहा है।
करणी सेना ने आरोप लगाया कि मंत्री अनिल राजभर के दबाव में एकतरफा कार्रवाई हो रही है। वहीं, भाजपा नेता राकेश सिंह ने कहा कि सरकार की छवि को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए और जांच निष्पक्ष होनी चाहिए। पूरे छितौना गांव को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है, और मीडिया की एंट्री पर रोक है। गांव में अब भी तनाव बना हुआ है।
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