New Relationship Test :आज के समय में सोशल मीडिया सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं रहा। अब यह लोगों की सोच, उनके रिश्तों और उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को बड़े स्तर पर प्रभावित कर रहा है। पहले जहाँ कपल्स अपनी निजी बातें सिर्फ एक-दूसरे तक रखते थे, वहीं अब इंस्टाग्राम, टिकटॉक और फेसबुक पर प्यार, नोक-झोंक और रिश्तों को परखने वाले ट्रेंड खुलेआम शेयर किए जाते हैं।
बीते कुछ वर्षों में फर्ज़ी शादियों से लेकर दोस्ती वाली शादी
परिस्थितिजन्य शादी और शादी की औपचारिकताओं जैसे कई अजीब से रिलेशनशिप ट्रेंड दिखे। लेकिन इन सबके बीच जो नया ट्रेंड सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, वह है बर्ड थ्योरी। यह ट्रेंड मज़ेदार भी है और रिश्तों की भावनात्मक सचाई को समझने की कोशिश भी करता है। लोग इसे इसलिए पसंद कर रहे हैं क्योंकि यह सरल है, लेकिन इसके जरिए कपल्स यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि उनका पार्टनर उनसे भावनात्मक रूप से कितना जुड़ा हुआ है।
बर्ड थ्योरी क्या है?
बर्ड थ्योरी की शुरुआत टिकटॉक से हुई और धीरे-धीरे यह इंस्टाग्राम रील्स, यूट्यूब शॉर्ट्स और फेसबुक पर भी तेजी से फैल गया। इसकी सोच बहुत आसान है—बस अपने पार्टनर से casually कहें, “मैंने आज एक पक्षी देखा।” अब असली टेस्ट यह है कि आपका साथी कैसी प्रतिक्रिया देता है।
अगर आपका पार्टनर उत्साह दिखाता है। जैसे कि पूछे कौन सा पक्षी था, कहाँ देखा, कैसा दिखता था।तो इसका मतलब है कि वह आपकी छोटी-छोटी बातों को भी ध्यान से सुनता है और भावनात्मक रूप से आपसे जुड़ा हुआ है। लेकिन अगर वह बात को अनदेखा कर दे, सिर हिला दे या किसी और बात में लग जाए, तो इसे भावनात्मक दूरी का संकेत माना जा रहा है। यही वजह है कि कपल्स इस छोटे से प्रयोग से अपने रिश्ते की “emotional bonding” को समझने की कोशिश कर रहे हैं।
इस ट्रेंड के पीछे की मनोवैज्ञानिक वजह
बर्ड थ्योरी, मशहूर अमेरिकी मनोवैज्ञानिक डॉ. जॉन गॉटमैन की “Bids for Connection” थ्योरी पर आधारित है। गॉटमैन के अनुसार, हर रिश्ता छोटे-छोटे पलों पर टिकता है। कभी कोई मज़ाक, कभी कोई छोटी सी बात, या फिर यूँ ही कुछ शेयर करना—ये सब रिश्ते में जुड़ाव बनाने के संकेत होते हैं। जब दूसरा साथी इन पलों पर प्यार, दिलचस्पी या सकारात्मक प्रतिक्रिया देता है, तो रिश्ता और मजबूत होता जाता है। लेकिन जब इन्हें लगातार अनदेखा किया जाता है, तो दिलों के बीच धीरे-धीरे दूरी बनने लगती है। गॉटमैन की स्टडी बताती है कि जिन कपल्स में 80% से ज्यादा बार “positive response” मिलता है, उनके रिश्ते लंबे समय तक खुशहाल रहते हैं। वहीं बार-बार अनसुनी की स्थिति रिश्तों को कमजोर बना देती है। बर्ड थ्योरी लोगों को यह समझने का मौका देती है कि भावनात्मक जुड़ाव सिर्फ बड़ी-बड़ी बातों से नहीं, बल्कि छोटी-छोटी प्रतिक्रियाओं से भी बनता है।



