Vitamin B1 Deficiency Symptoms: बचपन में संतुलित पोषण बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। खासकर विटामिन्स का असर इतना अहम होता है कि किसी एक की कमी भी बच्चे के पूरे स्वास्थ्य पर असर डाल सकती है। विटामिन-बी1, जिसे थायमिन (Thiamine) कहा जाता है, तंत्रिका तंत्र, हृदय और मांसपेशियों के लिए जरूरी है। यह विटामिन शरीर में कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है।
अक्सर विटामिन-बी1 की कमी उन बच्चों में होती है जिनका खानपान संतुलित नहीं होता या जो सिर्फ एक ही तरह के खाने पर निर्भर रहते हैं, जैसे सफेद चावल या मैदे से बनी चीजें। लंबे समय तक डायरिया, इंफेक्शन या कुछ दवाओं का सेवन भी इस कमी को बढ़ा सकता है। शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करना गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।
बच्चों में विटामिन-बी1 की कमी के लक्षण
विटामिन-बी1 की कमी के लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते हैं। समय पर न पहचानने पर स्थिति गंभीर हो सकती है:
बच्चा जल्दी थक जाए, हर समय रोता रहे या चिड़चिड़ा हो।
भूख न लगना।
हाथ-पैरों में सुन्नपन या कमजोरी महसूस होना।
हृदय की धड़कन अनियमित या तेज होना।
बच्चा अचानक घबराए, बातें समझ न पाए।
गंभीर स्थिति में बच्चा ठीक से चल नहीं पाता, सांस फूलती है।
बच्चों में विटामिन-बी1 की कमी के कारण
विटामिन-बी1 की कमी के मुख्य कारण पोषण की कमी हैं।
लगातार फास्ट फूड, जंक फूड या ज्यादा पॉलिश्ड चावल खाने से थायमिन की कमी हो सकती है।
कुछ बच्चों में पाचन संबंधी रोग जैसे क्रॉनिक डायरिया, सीलिएक डिजीज या पाचन एंजाइम की कमी।
लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन या कुछ बीमारियां भी विटामिन-बी1 को कम कर सकती हैं।
बच्चों को विटामिन-बी1 की कमी से बचाने के उपाय
ब्राउन राइस, गेहूं, बाजरा, जौ जैसे साबुत अनाज बच्चों की डाइट में शामिल करें।
जंक फूड और डिब्बाबंद चीजें कम दें क्योंकि इनमें पोषण कम और कैलोरी ज्यादा होती है।
बार-बार बीमार बच्चों को डॉक्टर से सलाह लें। खासकर उल्टी, दस्त या वजन कम होने की समस्या हो।
प्रीमेच्योर बच्चे, क्रॉनिक बीमारियों या इंफेक्शन से जूझ रहे बच्चों को डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स दें।
दालें और बीन्स जैसे मूंग, मसूर, राजमा, छोले आदि बच्चों की डाइट में शामिल करें। ये न केवल थायमिन बल्कि प्रोटीन से भी भरपूर होते हैं।विटामिन-बी1 की कमी को शुरुआती लक्षणों से पहचान कर रोका जा सकता है। माता-पिता को बच्चों के खाने पर ध्यान देना चाहिए और कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।