राजधानी पर जल ‘संकट ’, क्या दिल्ली में ‘यमुना’ बन जाएगी ‘सरस्वती ’?

राजधानी दिल्ली पानी की समस्या से जूझ रही है..यमुना के जलस्तर में आई गिरावट ने परेशानियां ओर बढ़ा दी है.. दिल्ली में यमुना का पानी पिछले 57 साल में सबसे निचले स्तर पर है..साल 1965 के बाद यमुना का जलस्तर इतना नीचे गया है..लगातार घटते जलस्तर के कारण डर कि कहीं दिल्ली की यमुना प्रयागराज के संगम में गुम हो जाने वाली सरस्वती नदी ना बन जाए..दिल्ली में यमुना के घटते जलस्तर को देखते हुए दिल्ली जल बोर्ड ने दिल्ली वासियों को चेतावनी दी है..

29 जून 2022 को यमुना का जलस्तर अपने निचले स्तर 666.80 पर था..यमूना का यह जलस्तर देखकर जल बोर्ड ने कहा है पूर्व, पश्चिम, मध्य, और दक्षिणी दिल्ली के ज्यादतर इलाकों में पानी का पानी का संकट छा सकता है..इसके अलावा दिल्ली और दिल्ली कैंटोनमेंट के कुछ इलाकों में पानी की सप्लाई भी बाधित हो सकती है वाज़ीराबाद में जलस्तर 667.6 तक चला गया था..अगर सामान्य जल स्तर की बात करें तो 674.5 होना चाहिए..

इसी बीच दिल्ली- एनसीआर के अंदर इतना ज्यादा पानी निकाला जा रहा है..कि इसके किछ हिस्से भविष्य में कभी भी धंस सकती है..जर्मनी और बॉम्बे के साइंटिस्ट ने अपनी स्टडी में कहा है कि दिल्ली -एनसीआर का करीब 100 वर्ग किलोमीटर का इलाका धंसने का कगार पर है..दिल्ली -एनसीआर में ग्राउंडवोटर तेजी से कम हो रहा है..पानी का जल स्तर कितना कम है इसकी जांच भारत के वैज्ञानिकों को करनी चाहिए..

दिल्ली बोर्ड ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ऐसी ही पानी निकालते रहे तो एक दिन जमीन नीचे धंस जाएगी..रिहायशी इलाकों में इमारते नीचे गिर सकती है..सड़कों में दरारें पड़ सकती है..

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