जहर अगर एक्सपायर हो जाए तो क्या होगा और जहरीला या फिर बेअसर?
जहर अगर एक्सपायर हो जाए तो क्या होगा और जहरीला या फिर बेअसर?
दवा और जहर को बनाने का तरीके को देखें तो दोनों को एक ही श्रेणी में माना जा सकता है। जहां एक्सपायरी के बाद दवाएं जहरीली हो सकती हैं तो जहर पर इसका क्या असर होता है?
दवा और जहर को बनाने का तरीके को देखें तो दोनों को एक ही श्रेणी में माना जा सकता है। जहां एक्सपायरी के बाद दवाएं जहरीली हो सकती हैं तो जहर पर इसका क्या असर होता है?
अलग- अलग केमिकल को मिलाकर अलग-अलग टाइप के जहर बनाए जाते है और इसका असर अलग तरीके से होता है। जहर की एक्सपायरी भी उसके टाईप पर निर्भर करता है।
अलग- अलग केमिकल को मिलाकर अलग-अलग टाइप के जहर बनाए जाते है और इसका असर अलग तरीके से होता है। जहर की एक्सपायरी भी उसके टाईप पर निर्भर करता है।
जहर का एक्सपायर होना इस बात पर निर्भर करता है कि इसमें कौन-कौन से केमिकल शामिल हैं। यदि कोई केमिकल समय के साथ निष्क्रिय हो जाता है तो इसका असर जहर की इंटेन्सिटी पर पड़ता है।
जहर का एक्सपायर होना इस बात पर निर्भर करता है कि इसमें कौन-कौन से केमिकल शामिल हैं। यदि कोई केमिकल समय के साथ निष्क्रिय हो जाता है तो इसका असर जहर की इंटेन्सिटी पर पड़ता है।
क्या जहर के एक्सपायर होने के बाद उसका असर खत्म हो जाता है, या फिर वह जहरीला नहीं रह जाता?
क्या जहर के एक्सपायर होने के बाद उसका असर खत्म हो जाता है, या फिर वह जहरीला नहीं रह जाता?
यह पूरी तरह जहर के प्रकार पर निर्भर करता है। यदि किसी रसायन का प्रभाव समय के साथ घटता है, तो संभव है कि जहर भी कम जहरीला हो जाए।
यह पूरी तरह जहर के प्रकार पर निर्भर करता है। यदि किसी रसायन का प्रभाव समय के साथ घटता है, तो संभव है कि जहर भी कम जहरीला हो जाए।
हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि हर जहर एक्सपायर होने के बाद प्रभावहीन हो जाएगा। यह पूरी तरह से उसके प्रकार पर निर्भर करता है।
हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि हर जहर एक्सपायर होने के बाद प्रभावहीन हो जाएगा। यह पूरी तरह से उसके प्रकार पर निर्भर करता है।
इससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि जहर के प्रभाव और उसकी समाप्ति का निर्धारण उसमें मौजूद रसायनों पर आधारित होता है।
इससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि जहर के प्रभाव और उसकी समाप्ति का निर्धारण उसमें मौजूद रसायनों पर आधारित होता है।