WHO TB Report 2025 :टीबी के खिलाफ भारत ने की तेज प्रगति, पीएम मोदी ने WHO रिपोर्ट पर जताई खुशी, कैसे हुआ ऐतिहासिक सुधार

WHO की ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2025 में बताया गया कि भारत में 2015 से टीबी के मामलों में तेजी से कमी आई है। पीएम मोदी ने इसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए स्वास्थ्य व्यवस्था, समुदाय और कार्यकर्ताओं की मेहनत को सराहा।

India WHO TB Report progress

WHO TB Report 2025 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2025 की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत टीबी के खिलाफ अपनी लड़ाई में लगातार बड़ी प्रगति कर रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि 2015 से अब तक भारत में टीबी के नए मामलों में उल्लेखनीय कमी दर्ज हुई है, जो वैश्विक कमी की दर से लगभग दोगुनी है। पीएम मोदी ने इसे दुनिया में टीबी घटने की सबसे तेज रफ्तारों में से एक बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इलाज के दायरे का बढ़ना, छूटे हुए मामलों में कमी और उपचार सफलता दर में लगातार सुधार बेहद उत्साहजनक है। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय स्वास्थ्यकर्मियों, आशा वर्कर्स, डॉक्टरों और सामुदायिक संगठनों के प्रयासों को दिया। पीएम मोदी ने लिखा कि देश फिट और स्वस्थ भारत बनाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है।

टीबी के मामलों में 21% की गिरावट

WHO की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में टीबी के नए मामलों में 2015 से अब तक 21% की कमी देखी गई है। 2015 में जहां प्रति लाख आबादी पर 237 केस दर्ज होते थे, वहीं 2024 में यह संख्या घटकर 187 रह गई। यह कमी दुनिया की औसत गिरावट 12% से कहीं ज्यादा है। भारत दुनिया भर के कुल टीबी मामलों का लगभग 25% हिस्सा रखता है, लेकिन गिरावट की रफ्तार सबसे तेज देशों में शामिल है।

इलाज कवरेज 53% से बढ़कर 92%

नई तकनीकों, गांव-स्तर तक सेवाएं पहुंचाने और सामुदायिक प्रयासों की वजह से भारत में टीबी उपचार कवरेज 2015 के 53% से बढ़कर 2024 में 92% हो गया। 2024 में अनुमानित 27 लाख मामलों में से 26.18 लाख मरीजों की पहचान हो पाई। ‘मिसिंग केसेज’, यानी जो केस रिपोर्ट नहीं होते, वह 2015 के 15 लाख से घटकर अब एक लाख से भी कम रह गए हैं। एमडीआर टीबी यानी दवा-रोधी टीबी के मामलों में कोई खास बढ़ोतरी नहीं मिली है।

टीबी से मौतों में भी कमी

टीबी से मृत्यु दर में भी बड़े स्तर पर गिरावट हुई है। 2015 में प्रति लाख आबादी पर 28 मौतें होती थीं, जबकि 2024 में यह घटकर 21 रह गईं। बीते 9 सालों में सरकार ने टीबी कार्यक्रम पर होने वाले खर्च को दस गुना बढ़ाया है। टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत 90% मरीज सफलतापूर्वक ठीक हुए हैं, जो वैश्विक सफलता दर 88% से अधिक है।

कई करोड़ लोगों की हुई जांच

दिसंबर 2024 में शुरू बड़े अभियान के तहत अब तक 19 करोड़ से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की गई, जिसमें 24.5 लाख से अधिक टीबी मरीज मिले। इनमें 8.61 लाख लक्षणहीन मरीज शामिल थे। नी-क्षय पोषण योजना के तहत 1.37 करोड़ लोगों को 4,406 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है।

हालांकि भारत 2025 तक टीबी खत्म करने के लक्ष्य के करीब पहुंच रहा है, लेकिन ड्रग-रेसिस्टेंट टीबी और फंडिंग अभी भी चुनौती बने हुए हैं। पीएम मोदी की प्रतिक्रिया ने यह साफ किया कि टीबी उन्मूलन की दिशा में भारत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और यह ‘विकसित भारत’ की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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