The World Biggest Credit Card Collector: आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके पास सिर्फ एक-दो नहीं, बल्कि पूरे 1,638 क्रेडिट कार्ड्स हैं और उन पर एक रुपये का भी कर्ज नहीं है। इस शख्स का नाम है मनीष धमेजा, जिन्होंने अपने इस अनोखे शौक को कमाई और स्मार्ट फाइनेंस मैनेजमेंट का जरिया बना लिया है। उनके इस अद्भुत रिकॉर्ड को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।
कमाई और स्मार्ट वित्तीय रणनीति
मनीष धमेजा को ‘किंग ऑफ क्रेडिट कार्ड्स एंड कॉइन्स’ के नाम से भी जाना जाता है। यह खिताब केवल कार्ड्स की संख्या के लिए नहीं, बल्कि उनके स्मार्ट इस्तेमाल के कारण मिला है। मनीष हर कार्ड के फायदे और शर्तों का विस्तार से अध्ययन करते हैं। उन्हें पता है कि कौन सा कार्ड शॉपिंग में ज्यादा कैश बैक देगा, कौन सा कार्ड यात्रा पर एयरपोर्ट लाउंज का मुफ्त एक्सेस देगा और कौन सा कार्ड होटल बुकिंग पर अच्छी छूट प्रदान करेगा। उनकी सबसे खास रणनीति है ‘जीरो डेब्ट’ यानी शून्य कर्ज। मनीष कभी भी अपनी क्षमता से ज्यादा खर्च नहीं करते और हमेशा समय पर बिल चुकाते हैं। इस वजह से वे ब्याज के बोझ से बचे रहते हैं और उनका क्रेडिट स्कोर हमेशा बेहतरीन रहता है।
मनीष धमेजा कौन हैं?
दिल्ली में रहने वाले मनीष धमेजा मूल रूप से लखनऊ, उत्तर प्रदेश के हैं। वे दो बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर हैं। एक क्रेडिट कार्ड्स के लिए और दूसरा सिक्कों के विशाल संग्रह के लिए।
शिक्षा में मनीष ने कानपुर की सीएसजेएम यूनिवर्सिटी से बीएससी किया, जिसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स शामिल थे। इसके बाद उन्होंने लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी से एमसीए, इग्नू से मास्टर ऑफ सोशल वर्क, बिट्स पिलानी से डेटा साइंस में एमटेक और एमिटी यूनिवर्सिटी से एमबीए जैसी प्रतिष्ठित डिग्रियाँ हासिल कीं। वर्तमान में वे भारत सरकार के दूरसंचार विभाग में एक जिम्मेदार पद पर कार्यरत हैं।
वे एक डेटा साइंटिस्ट, कलाकार, सिक्का संग्राहक (न्यूमिस्मैटिस्ट) और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। अपने यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया हैंडल्स के जरिए वे हजारों लोगों को क्रेडिट कार्ड का सही इस्तेमाल और वित्तीय प्रबंधन के गुर सिखाते हैं।
मनीष कैसे मैनेज करते हैं अपने कार्ड्स?
इतने सारे क्रेडिट कार्ड्स को मैनेज करना सामान्य व्यक्ति के लिए मुश्किल और जोखिम भरा हो सकता है। इससे क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर और कर्ज में फंसने का खतरा रहता है। लेकिन मनीष के लिए यह खेल की तरह है। वे हर कार्ड को सक्रिय रखते हैं, लेकिन इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करते हैं। मनीष ने एक ऐसा सिस्टम विकसित किया है, जिसमें वे हर कार्ड की बिलिंग साइकिल, ऑफर्स और फायदों पर लगातार नजर रखते हैं। इस स्मार्ट रणनीति के चलते मनीष ने न केवल अपना क्रेडिट स्कोर मजबूत रखा है, बल्कि अपने शौक को कमाई और शिक्षा का जरिया भी बना लिया है।