Delhi Pollution

गुरुवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर कई लोग, जिनमें छात्र संगठनों के सदस्य भी शामिल थे, राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुए। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब देने की ज़िम्मेदारी की मांग की।
इस प्रदर्शन में नौजवान भारत सभा, दिशा स्टूडेंट्स संगठनों, प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट्स लीग, और रिवॉल्यूशनरी वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया (RWPI) जैसी संस्थाओं के कार्यकर्ता, कलाकार और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।
प्रदर्शनकारियों ने “Pollution me saans lena is not funny” और “Smash capitalism, Save Environment” जैसे नारे लिखी तख्तियाँ थाम रखी थीं। वे नारे लगा रहे थे — “AQI 400 पार, अब कहां है मोदी सरकार?”
Scientists for Society (SFS) के चिरंशु ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में खराब वायु गुणवत्ता के कारण हर साल करीब 17,000 लोगों की मौत हो रही है।”
Campaign for Right to Public Health की प्रियंवदा ने कहा कि अगर सरकारें सही कदम उठाएं तो पर्यावरण संकट की स्थिति को बदला जा सकता है। उन्होंने आम लोगों के लिए सस्ती और बेहतर यातायात सुविधाएँ देने जैसे कदम सुझाए, ताकि लोग निजी वाहनों पर निर्भर न रहें।
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, “वायु प्रदूषण को रोकना बहुत मुश्किल नहीं है… फैक्ट्रियाँ और वाहन सबसे बड़े प्रदूषक हैं। अगर सरकारें सच में हमारी सेहत को लेकर गंभीर हों, तो इस समस्या को आसानी से सुलझाया जा सकता है।”
दिशा संगठन के केशव ने युवाओं से अपील की कि वे आगे आएँ ताकि “अच्छी हवा और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के अधिकार” के लिए जन आंदोलन शुरू किया जा सके।
प्रदर्शनकारियों ने ज़मीन पर नारे लिखे और चित्र बनाए, जिनमें दिल्ली के एक व्यक्ति के फेफड़ों की हालत को दिखाया गया था, जो लंबे समय से प्रदूषित हवा में सांस ले रहा है।