Gujrat news :गुजरात के धारपुर जिले के जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले 18 साल के छात्र अनिल मेथानिया की रहस्यमय हालत में मौत हो गई। अनिल जो कच्छ जिले के जेसदा गांव का रहने वाला था अपनी मौत से ठीक एक महीने पहले 14 अक्टूबर को ही कॉलेज में एडमिशन लिया था अनिल की मौत से परिवार में शोक का माहौल है और पूरे गांव में मातम छा गया है।
होनहार स्टूडेंट का सपना टूटा
अनिल ने बिना किसी कोचिंग की मदद से नीट परीक्षा में 550 अंक हासिल किए थे। वह अपने परिवार का गौरव था और डॉक्टर बनने का सपना देखता था उसने बिना किसी कोचिंग के न केवल नीट में अच्छा प्रदर्शन किया, बल्कि गुजरात कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (GUJCET) में भी 90.57 प्रतिशत अंक हासिल किए। लेकिन 16-17 नवंबर की रात को कथित तौर पर सीनियर्स द्वारा की गई रैगिंग के बाद उसकी हालत बिगड़ गई। जानकारी के अनुसार उसे करीब चार घंटे तक खड़े रहने के लिए मजबूर किया गया जिसके बाद वह बेहोश हो गया और उसकी मृत्यु हो गई।
15 सीनियर छात्रों पर कार्रवाई
मेडिकल कॉलेज की एंटी-रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट के बाद 15 सीनियर छात्रों को निलंबित कर दिया गया है। बालिसाना पुलिस ने इन सभी को गिरफ्तार कर लिया है और गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
घर का गौरव था अनिल
अनिल तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था उसके पिता 56 साल किसान नटवरभाई और मां गीताबेन का कहना है कि अनिल हमेशा पढ़ाई में अव्वल रहता था बड़ी बहन शीतल और फिजियोथेरेपिस्ट बहन निधि ने अनिल के सपनों को पूरा करने में परिवार का सहयोग किया।अनिल ने 10वीं कक्षा के बाद डॉक्टर बनने का सपना देखा था। उसने बिना किसी कोचिंग के न केवल नीट में अच्छा प्रदर्शन किया बल्कि गुजरात कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (GUJCET) में भी 90.57 प्रतिशत अंक हासिल किए।
रैगिंग की घटनाओं पर रोक लगाने की मांग
अनिल की मौत ने एक बार फिर से मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग की गंभीर समस्या को उजागर कर दिया है। परिवार ने दोषी छात्रों और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अनिल के पिता ने कहा, हम लोग नहीं चाहते कि किसी और परिवार को यह दर्द बर्दाश्त करना पड़े क्योंकि बेटे की मौत का दर्द बहुत ही गहरा होता है हम लोग बस न्याय चाहते हैं जो दोषी है उसे सजा मिले दोषियों को कॉलेज से निकल जाए और उन्हें भविष्य में कहीं पर भी दाखिला न मिले!