Gurugram, Haryana: National-level tennis player Radhika Yadav was shot dead by her father, Deepak Yadav, using his licensed revolver at their Sector 57 residence. He fired three shots. Radhika was rushed to a hospital but succumbed to her injuries. Gurugram Police arrested the… pic.twitter.com/dLSpL4GQHs
— IANS (@ians_india) July 10, 2025
राधिका यादव: मेहनत से चमका था सितारा
23 मार्च 2000 को जन्मी Radhika Yadav एक प्रतिभाशाली टेनिस खिलाड़ी थीं। उन्होंने न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई थी। इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन (ITF) में उनकी डबल्स रैंकिंग 113 थी और वह ऑल इंडिया टेनिस एसोसिएशन (AITA) की सदस्य थीं। जून 2024 में उन्होंने ट्यूनीशिया में W15 टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। 2017 में ग्वालियर में ताइवान की खिलाड़ी हसीन-युआन शिह से भिड़ना उनके करियर की एक खास उपलब्धि रही।
टेनिस में करियर बनाते हुए उन्होंने स्कूली शिक्षा स्कॉटिश हाई इंटरनेशनल स्कूल, गुरुग्राम से कॉमर्स स्ट्रीम में पूरी की थी। कंधे में चोट लगने के बाद जब वह पेशेवर टेनिस से दूर हुईं, तब उन्होंने हार नहीं मानी, बल्कि सेक्टर-57 में एक कोचिंग अकादमी शुरू की, जहां वे बच्चों को टेनिस सिखाती थीं। सोशल मीडिया पर भी वह खासा सक्रिय थीं और इंस्टाग्राम पर युवाओं के बीच लोकप्रियता हासिल कर रही थीं।
हत्या की वारदात और आरोपी पिता की स्वीकारोक्ति
गुरुवार सुबह करीब 10:30 बजे सुशांत लोक फेज-2 स्थित घर में राधिका अपनी रसोई में थीं, तभी पिता दीपक यादव ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से तीन गोलियां उनकी पीठ पर दाग दीं। मौके पर मौजूद उनकी मां मंजू यादव ने गोली चलने की आवाज सुनी, लेकिन बीमारी के कारण कमरे से बाहर नहीं निकल सकीं।
🚨HORRIFIC
– State level tennis player Radhika Yadav was shot dead by his father Deepak Yadav in Gurugram.
– He was furious because she ran a tennis academy.
– She was shot in the back while cooking through a licensed pistol.
– Fired 5 bullets, 3 hit her
This is Kalyug 💔 pic.twitter.com/GmwNAPQtQS
— BALA (@erbmjha) July 10, 2025
Radhika Yadav के चाचा कुलदीप यादव और उनके बेटे पीयूष मौके पर पहुंचे और उन्होंने राधिका को खून से लथपथ पाया। पास ही मेज पर रिवॉल्वर पड़ी थी, जिसमें पांच कारतूस चले थे और एक जिंदा बचा था। राधिका को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस पूछताछ में दीपक यादव ने अपना अपराध कबूल करते हुए बताया कि वह राधिका की सोशल मीडिया पर सक्रियता और टेनिस अकादमी चलाने को लेकर नाराज थे। गांव में लोग ताने मारते थे कि वह बेटी की कमाई पर जी रहा है, जिससे वह पिछले 15 दिनों से मानसिक तनाव में था।
सामाजिक दबाव और पुरुषवादी सोच की त्रासदी
यह घटना हमारे समाज की उस गहरी खाई को उजागर करती है जहां बेटी की सफलता भी कई बार अभिभावकों को शर्मिंदगी का कारण लगने लगती है। दीपक यादव ने अपनी बेटी की मेहनत और लगन को समझने के बजाय, “इज्जत” और सामाजिक तानों को ज्यादा अहमियत दी।
महिलाओं की आत्मनिर्भरता और सोशल मीडिया पर उनकी अभिव्यक्ति को अब भी कई परिवार सम्मान के बजाय अपमान समझते हैं। यही मानसिकता, जो रूढ़िवादिता और दिखावे की परतों में लिपटी होती है, कई बार ऐसे जघन्य अपराधों को जन्म देती है।
जांच और न्याय की दिशा
गुरुग्राम पुलिस ने दीपक यादव को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या में प्रयुक्त रिवॉल्वर को जब्त कर फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। राधिका के चाचा कुलदीप यादव की शिकायत पर हत्या का केस दर्ज किया गया है। पुलिस निरीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि मामले की हर पहलू से जांच हो रही है।
Radhika Yadav की असमय मौत न केवल उनके परिवार के लिए शोक का कारण है, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी भी है – कि जब तक हम महिलाओं की उपलब्धियों को खुले दिल से स्वीकार नहीं करेंगे, तब तक ऐसी त्रासदियां होती रहेंगी।
राधिका यादव की हत्या एक प्रतिभाशाली बेटी के सपनों का अंत है, लेकिन समाज के लिए एक कठोर आईना भी। यह घटना बताती है कि मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक दबाव और स्त्री स्वतंत्रता के विषयों पर गंभीर संवाद की सख्त जरूरत है। राधिका की याद हमेशा एक सवाल बनकर रहेगी – क्या एक बेटी का आत्मनिर्भर होना किसी की “इज्जत” पर धब्बा है?