Haryana Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद कुमारी शैलजा की नाराज़गी के बीच, मायावती ने कांग्रेस और अन्य पार्टियों में दलित नेताओं की उपेक्षा का मुद्दा उठाया है।
सोमवार को एक्स पर किए गए कई पोस्ट में, मायावती ने बिना किसी का नाम लिए कांग्रेस (Haryana Election) और अन्य दलों पर दलित नेताओं को हाशिए पर रखने का आरोप लगाया।
मायावती कांग्रेस पर साधा निशाना
मायावती ने कहा कि देश में अब तक की राजनीतिक घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि खासकर कांग्रेस और अन्य जातिवादी पार्टियों को अपने मुश्किल समय में दलितों को मुख्यमंत्री या संगठन के प्रमुख पदों पर रखने की याद जरूर आती है। लेकिन जब इन पार्टियों का समय अच्छा होता है, तो वे अक्सर दलितों को किनारे कर देती हैं और उन पदों पर जातिवादी लोगों को बिठा देती हैं।
जैसा कि हाल ही में हरियाणा में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अपमानित हो रहे दलित नेताओं को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर से प्रेरणा लेकर इन पार्टियों से खुद को अलग कर लेना चाहिए और अपने समाज को भी इनसे दूर रखने के लिए आगे आना चाहिए।
जातिवादी पार्टियां आरक्षण का विरोध करती हैं- मायावती
मायावती ने कहा कि परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने देश के कमजोर वर्गों के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान के लिए केंद्रीय कानून मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। उसी से प्रेरणा लेकर मैंने भी सहारनपुर में दलित उत्पीड़न की उपेक्षा और मेरी आवाज दबाए जाने पर, उनके सम्मान और स्वाभिमान की खातिर राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफा दिया था। इसलिए दलितों को बाबा साहेब के पदचिन्हों पर चलने की सलाह दी जाती है।
मायावती ने आगे कहा कि कांग्रेस और अन्य जातिवादी पार्टियां शुरू से ही आरक्षण का विरोध करती रही हैं। राहुल गांधी ने तो विदेश में जाकर आरक्षण खत्म करने की बात भी कही है। ऐसे संविधान, आरक्षण और SC, ST, OBC विरोधी पार्टियों से लोगों को सावधान रहना चाहिए।