Vivek Oberoi को मंदिर में मिला रहस्यमय व्यक्ति इंसान था या कोई और…, जिसने बदली उनकी किस्मत

विवेक ओबेरॉय ने 2004 की सुनामी के दौरान राहत कार्य करते हुए एक रहस्यमय बुजुर्ग से मुलाकात की, जिन्होंने उनकी समस्याएं समझीं और मार्गदर्शन दिया। बाद में वह बुजुर्ग गायब हो गए

Vivek Oberoi spiritual experience

 spiritual journey of VivekOberoi: विवेक ओबेरॉय को बुरे वक्त में उन्हें एक रहस्यमय अजनबी ने रास्ता दिखाया था।विवेक ओबेरॉय को बॉलीवुड में उनके अभिनय के लिए सराहा गया, लेकिन निजी और पेशेवर जिंदगी में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। सलमान खान के साथ विवाद के बाद उनका करियर मुश्किल में आ गया। इस दौरान एक ऐसा अनुभव हुआ जिसने उनके जीवन पर गहरी छाप छोड़ी।

 सुनामी राहत कार्य से जुड़ी कहानी

साल 2004 में जब सुनामी आई, तो विवेक अपनी मां की सलाह पर दक्षिण भारत में राहत कार्य में जुट गए। यह समय उनके लिए mentally or emotionally रूप से कठिन था। उन्होंने जरूरतमंदों के बीच अपना समय बिताया, राहत शिविरों में काम किया और तमिल भाषा भी सीखी। इस दौरान उन्हें एक ऐसा अनुभव हुआ जिसे वे आज भी नहीं भूल पाए।

मंदिर में बुजुर्ग से  मुलाकात

एक दिन किसी ने विवेक को एक प्रसिद्ध मंदिर जाने की सलाह दी। वहां उनकी मुलाकात एक सफेद दाढ़ी वाले बुजुर्ग व्यक्ति से हुई, जो धोती पहने मंदिर के कोने में बैठे थे। बुजुर्ग ने विवेक को बुलाया और उनकी समस्याओं को बिना पूछे समझ लिया। उन्होंने कहा, “तुम बहुत परेशान हो। तुम्हें यहां भेजा गया है ताकि तुम्हें मार्गदर्शन मिल सके। तुम्हारे साथ बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान होने वाला था, लेकिन राहत कार्य में तुम्हारे खर्च ने तुम्हें बचा लिया। ये तुम्हारे अच्छे कर्म का फल है।”

बुजुर्ग का अचानक गायब होना

बुजुर्ग ने विवेक को कुछ निर्देश दिए जिन्हें वे पूरा करने चले गए। लेकिन जब वे लौटे, तो वह बुजुर्ग वहां नहीं थे। जब उन्होंने मंदिर के कर्मचारियों और वॉचमैन से उनके बारे में पूछा, तो सभी ने कहा कि वहां ऐसा कोई व्यक्ति नहीं था। यह सुनकर विवेक हैरान रह गए। उन्हें लगा कि वह बुजुर्ग उनके लिए भगवान के समान थे, जिन्होंने उन्हें मुश्किल वक्त में राह दिखाई।

कैसे बदल दी उनकी सोच?

इस घटना ने विवेक की सोच बदल दी। उन्होंने महसूस किया कि अच्छे कर्म और सेवा से ही जीवन को सही दिशा मिल सकती है। राहत कार्य और इस स्पिरिचुअल अनुभव ने उन्हें न केवल मानसिक शांति दी, बल्कि जीवन में एक नई शुरुआत करने की ताकत भी दी। जिससे विवेक को लगा कि वह भगवान के समान थे। इस घटना ने विवेक को जीवन और कर्म का महत्व सिखाया।

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