Bihar News: कैमूर में बना ऐतिहासिक मां मुंडेश्वरी इको पार्क, पर्यावरण और संस्कृति अनोखा संगम

कैमूर जिले में बना 'मां मुंडेश्वरी' वन्यजीव इको पार्क 14 एकड़ में फैला है। यहाँ जीवंत मूर्तियाँ, ओपन एयर थिएटर और इंद्रधनुषी गेट जैसे आकर्षण हैं। यह पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देगा।

Bihar News: बिहार के कैमूर जिले में ‘मां मुंडेश्वरी’ वन्यजीव इको पार्क बनकर तैयार हो गया है। करीब 14 एकड़ में फैला यह पार्क पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ लोगों को प्रकृति और वन्यजीवों के बारे में जानकारी देगा। खासकर, बच्चों और छात्रों को यहाँ से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। यह पार्क बिहार सरकार के ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान के तहत तैयार किया गया है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसे बनाने में जितनी भी निर्माण सामग्री लगी है, वह सब स्थानीय स्तर से ही ली गई है। इससे न केवल खर्च कम हुआ, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिला।

कैमूर जिले में बना अनोखा पार्क

कैमूर जिले में बने इस पार्क का नाम वहां के ऐतिहासिक ‘मां मुंडेश्वरी’ मंदिर के नाम पर रखा गया है। यह मंदिर भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है। पार्क को खास इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह न सिर्फ पर्यावरण को बढ़ावा दे, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक विरासत को भी संरक्षित रखे। इसका डिज़ाइन रर्बन लैब के अंगद सिंह पोकेला ने तैयार किया है, जो इसे शिक्षा और पर्यटन दोनों के लिए बहुत अहम बनाता है।

क्या खास है इस इको पार्क में

इस पार्क की सबसे बड़ी खूबी यहाँ मौजूद जंगली जानवरों की विशाल मूर्तियाँ हैं। यहाँ शेर, जिराफ, दरियाई घोड़ा और कई अन्य जानवरों की ऐसी मूर्तियाँ लगाई गई हैं, जो इतनी असली लगती हैं कि देखने पर लगेगा मानो अभी चल पड़ेंगी। सबसे दिलचस्प बात यह है कि यहाँ डायनासोर की भी बड़ी-बड़ी मूर्तियाँ लगाई गई हैं, जिससे लोगों को प्राचीन जीवों के जीवन-चक्र को समझने का मौका मिलेगा।इसके अलावा, इस पार्क में एक ओपन एयर थिएटर भी बनाया गया है, जहाँ एक समय में 300-400 लोग बैठ सकते हैं। इसे बनाने में स्थानीय पत्थरों और बोल्डरों का इस्तेमाल किया गया है। इस थिएटर में समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, वर्कशॉप और पर्यावरण से जुड़ी गतिविधियाँ करवाई जाएँगी।

इंद्रधनुषी रंगों से सजा पार्क

इस पार्क की एक और आकर्षक खासियत ‘रेनबो पेर्गोलस गेटवेज’ है। यहाँ चौकोर फ्रेम को इंद्रधनुष के रंगों में सजाया गया है, जो आपसी प्रेम और सौहार्द का प्रतीक है। इसके अलावा, एक खास क्षेत्र ‘भावनाओं के पेड़’ के लिए तैयार किया गया है, जहाँ पेड़ों को भारतीय कला की नवरस (9 प्रमुख भावनाएँ) के रूप में दर्शाया गया है।

सुरक्षा और सुविधाएँ

पार्क में सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है। यहाँ ट्री-हाउस, बांस के बने फुट ब्रिज और मजबूत रेलिंग लगाई गई हैं, ताकि कोई दुर्घटना न हो। इसके अलावा, पार्क के दो हिस्सों को जोड़ने के लिए एक मजबूत धातु का फुट ओवरब्रिज भी बनाया गया है।

 

Exit mobile version