Proud Moment : विश्व का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क वाला देश बना भारत, जानें 10 साल की सफलता की कहानी

भारत में मेट्रो नेटवर्क 2014 से 2024 तक तीन गुना बढ़कर 1,000 किलोमीटर तक पहुंच गया है। दिल्ली में नई मेट्रो परियोजनाओं और हाईस्पीड ट्रेनें शुरू की गई हैं। मोदी सरकार ने मेट्रो नेटवर्क के विस्तार को प्राथमिकता दी,

Metro line Network : भारत में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार पिछले कुछ वर्षों में बहुत तेजी से हुआ है। 2014 में मेट्रो नेटवर्क केवल 248 किलोमीटर था, तब यह केवल पांच राज्यों के पांच शहरों तक सीमित था। लेकिन अब 2024 तक, यह बढ़कर 1,000 किलोमीटर से अधिक हो गया है और 11 राज्यों के 23 शहरों में फैल चुका है।इस बढ़ोतरी से न केवल शहरी इलाकों में बेहतर कनेक्टिविटी मिल रही है, बल्कि लाखों लोगों की जिंदगी भी आसान हो रही है। आज, मेट्रो का इस्तेमाल प्रतिदिन एक करोड़ से अधिक लोग करते हैं, जबकि 2014 में यह संख्या केवल 28 लाख थी। इसके अलावा, मेट्रो ट्रेनें अब रोजाना 2.75 लाख किलोमीटर का सफर तय करती हैं, जो 2014 के 86,000 किलोमीटर से तीन गुना अधिक है।

दिल्ली मेट्रो की सफलता और नई परियोजनाएं

दिल्ली मेट्रो का इतिहास भी बहुत ही रोचक रहा है। 2002 में जब दिल्ली मेट्रो की पहली लाइन शुरू की गई थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह नेटवर्क इतनी तेजी से फैलने वाला है। 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में शुरू हुई दिल्ली मेट्रो आज नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है।

हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में नए मेट्रो कॉरिडोर की शुरुआत की। दिल्ली गाजियाबाद मेरठ कॉरिडोर पर नमो भारत ट्रेन का उद्घाटन भी किया गया, जो एक हाई स्पीड ट्रेन है। प्रधानमंत्री ने दिल्ली में साहिबाबाद और न्यू अशोक नगर के बीच 13 किलोमीटर लंबे नमो भारत कॉरिडोर का उद्घाटन किया, जिसकी लागत 4,600 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, दिल्ली मेट्रो फेज-4 के तहत जनकपुरी और कृष्णा पार्क के बीच 2.8 किलोमीटर लंबे खंड का उद्घाटन किया गया, जिसकी लागत 1,200 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, 26.5 किलोमीटर लंबा रिठाला कुंडली कॉरिडोर भी शुरू होने जा रहा है, जिसकी अनुमानित लागत 6,230 करोड़ रुपये है।

 

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