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जानिए कैसे 2014-22 तक मोदी सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल-डीजल सहित अन्य वस्तुवो में हुई बढ़ोतरी

जानिए कैसे 2014-22 तक मोदी सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल-डीजल सहित अन्य वस्तुवो में हुई बढ़ोतरी

ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण परिवहन लागत अधिक हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं। साथ ही गर्मी के आगमन के साथ सब्जियों के दाम भी बढ़ गए हैं।

Petrol Diesel Price Hike:  2014 में मोदी सरकार सत्ता में आई तब कच्चे तेल के दाम 110 डॉलर बैरल पर था. तब पेट्रोल 72 रुपये प्रति लीटर में मिल रहा था तो डीजल 55.48 रुपये प्रति लीटर के भाव पर. पेट्रोल डीजल के दामों के बीच 16 रुपये से ज्यादा का अंतर था. लेकिन अब पेट्रोल राजधानी दिल्ली में 105.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 96.67 रुपये प्रति लीटर के भाव पर मिल रहा है. इन आंकड़ों ये साफ है कि बीते 8 सालों में पेट्रोल 45 फीसदी तो डीजल 75 फीसदी महंगा हो चुका है. 

पेट्रोल डीजल के दामों में इन दिनों आग लगी है. देश के कई शहरों में पेट्रोल डीजल 100 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा के रेट पर मिल रहा है. पर क्या आप जानते हैं 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से  बीते 8 साल में पेट्रोल 45 फीसदी और डीजल 75 फीसदी महंगा हो चुका है. जबकि तब 2014 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार रहते हुए चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री जी (नरेन्द्र मोदी) ने तात्कालीन यूपीए सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी. लोगों को भरोसा दिया था कि उनकी सरकार आई तो महंगाई से निजात मिलेगी. लेकिन बीते 8 सालों से देश की जनता वादे को पूरा करने की राह देख रही है. 

सस्ता कच्चा तेल, पर कोई फायदा नहीं


अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जब कच्चे तेल के दाम औंधे मुंह गिर गए तब नवंबर 2014 से लेकर जनवरी 2016 के बीच मोदी सरकार ने 9 बार पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी कर दी.

 IMPORTANT POINTS :

1 – पेट्रोल पर 11.77 रुपये और डीजल पर 13.47 रुपये प्रति लीटर की दर से एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दिया गया.

2 – वहीं कोविड काल में भी मांग में कमी के चलते के कच्चे तेल के दाम गिर गये तो मार्च 2020 से लेकर अब तक केंद्र सरकार पेट्रोल पर 13 रुपये और डीजल पर 16 रुपये एक्साइज ड्यूटी और इंफ्रास्ट्रक्चर सेस के नाम पर टैक्स बढ़ा दिया.

3 – 4 नवंबर 2021 से पहले मोदी सरकार पेट्रोल पर 32.90 रुपये और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूल रही थी. लेकिन पांच राज्यों में चुनाव को देखते हुए सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी घटा दिया.

4 –  जनवरी 2022 से कच्चे तेल के दामों में रूस यूक्रेन युद्ध के चलते तेजी आई तो कच्चा तेल 130 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर जा पहुंचा. जिसके बाद सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल डीजल के दामों में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर चुके हैं. 

IMPORTANT POINT :-

पेट्रोल डीजल से बढ़ी सरकार की कमाई :
2014 मोदी सरकार जब सत्ता में आई थी तब उसने पेट्रोलियम पदार्थों पर 99,068 करोड़ रुपये एक्साइज ड्यूटी वसूला था.

2015-16 में 1,78,477 करोड़ रुपये

2016-17 में 2.42,691 करोड़ रुपये

2017-18 में 2.29,716 लाख करोड़ रुपये

2018-19 में 2,14,369 लाख करोड़ रुपये

2019-20 में 2,23,057 लाख करोड़ रुपये

और 2020-21 में 3.72  लाख करोड़ रुपये एक्साइज ड्यूटी वसूला. 

EXTRA ESSENTIAL COMMODITIES:

ITEMS

1 – ARHAR   (2013-14)  4300 PER QUINTAL

(2021-22) – 6300 PER QUINTAL

2- SUGAR (2013-14) – (40-45)PER KG

(2021-22) – 32.60 PER KG

3 –  MILK (2013-14) 48 PER LITRE

(2021-22) – 60 PER LITRE

4 – (2013-14) 410 PER CYLINDER

(2022) राजधानी दिल्ली में 14.2 किलो के डॉमेस्टिक LPG सिलेंडर की कीमत 999.50 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई है. 

(By: ABHINAV SHUKLA)

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