Farmer Protest: चंडीगढ़ में बुधवार को प्रस्तावित किसान मार्च को रोकने के लिए पंजाब सरकार और प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। पंजाब से चंडीगढ़ की ओर बढ़ रहे किसानों (Farmer Protest) को पुलिस ने अलग-अलग स्थानों पर रोक दिया जिससे कई जगहों पर किसान सड़कों पर ही धरने पर बैठ गए।
पुलिस ने रोका तो सड़कों पर बैठें किसान
संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े 30 से ज्यादा किसान संगठनों ने चंडीगढ़ कूच का आह्वान किया था। किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और अन्य वाहनों के साथ चंडीगढ़ की ओर बढ़ रहे थे लेकिन पंजाब पुलिस ने कई स्थानों पर बैरिकेडिंग कर उन्हें रोक दिया। इस दौरान चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। जगह-जगह पुलिस बल तैनात है और नाकेबंदी कर दी गई है। प्रशासन की सख्ती के बावजूद किसान डटे हुए हैं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेताओं को हिरासत में लिया गया
क्रांतिकारी किसान यूनियन के जिला मोगा अध्यक्ष जतिंदर सिंह ने बताया कि उन्हें मोगा जिले के अजीतवाल में पंजाब पुलिस ने रोक लिया। कुछ किसानों को हिरासत में भी लिया गया है। किसानों का आरोप है कि भगवंत मान सरकार उनके आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रही है। समराला में भी किसानों को चंडीगढ़ जाने से रोका गया जिससे वहां भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
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एक हफ्ते तक चलेगा धरना-प्रदर्शन
किसान संगठनों ने अगले एक हफ्ते तक चंडीगढ़ में धरना-प्रदर्शन करने की घोषणा की है। इसके मद्देनजर पंजाब सरकार अलर्ट हो गई है और कई किसान नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के इस कदम की कड़ी निंदा की है और कहा है कि किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।
चंडीगढ़ पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी
किसानों के आंदोलन को देखते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। प्रशासन ने लोगों से वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करने की अपील की है ताकि किसी भी तरह की असुविधा से बचा जा सके। इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसान नेताओं के साथ बैठक की थी लेकिन यह बैठक बेनतीजा रही। किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे जिसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान बैठक से अचानक उठकर चले गए। अब सरकार और किसानों के बीच टकराव और बढ़ता नजर आ रहा है। आने वाले दिनों में यह आंदोलन कितना व्यापक होगा यह देखना बाकी है।