CBI की गिरफ्तारी के खिलाफ Arvind Kejriwal की याचिका पर होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

Arvind Kejriwal : केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति के संबंध में उनके खिलाफ दायर भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा.

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Arvind Kejriwal : केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति के संबंध में उनके खिलाफ दायर भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा.

तर्क दिया

केंद्रीय एजेंसी ने शीर्ष अदालत को दिए अपने जवाब में सह-आरोपी के साथ उनकी समानता के ख़िलाफ तर्क दिया और कहा कि उनके इलाज को संरक्षकता में सौंपा जा सकता है.

जमानत की अवधि बढ़ा दी गई

न्यायाधीश सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने 14 अगस्त को ज़मानत याचिका पर विचार करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. सीबीआई को अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने की अनुमति देते हुए 5 सितंबर तक के लिए जमानत की अवधि बढ़ा दी गई थी.

दिल्ली के मुख्यमंत्री को सबसे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च, 2024 को एक धनी धन शोधन मामले में और बाद में सीबीआई ने 26 जून को एक भ्रष्टाचार मामले में गिरफ़्तार किया था. उन्होंने पहले शराब नीति धोखाधड़ी से जुड़े ईडी मामले में शीर्ष अदालत से जमानत ली थी.

पिछले हफ़्ते सुप्रीम कोर्ट में अपना वैकल्पिक जवाब दाखिल करने वाली सीबीआई ने दलील दी कि केजरीवाल इस मामले में अपने सह-आरोपी के साथ समानता का दावा नहीं कर सकते, क्योंकि उनकी भूमिका पर विचार किया जा रहा है. पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, बीआरएस नेता के कविता और पूर्व आप संचार प्रभारी विजय नायर को सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही जमानत दे दी है.

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केंद्रीय एजेंसी ने क्या कहा

इंडिया टुडे द्वारा दर्ज की गई सीबीआई की दलील के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि संरक्षकता में रहते हुए उनका इलाज किया जा सकता है. केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मांगने के लिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया.

के.कविता को जमानत देते हुए, शीर्ष अदालत ने सिसोदिया के लिए 9 अगस्त के अपने ज़मानत आदेश का हवाला दिया. सीबीआई ने फिर भी दलील दी कि “सह-आरोपी (केजरीवाल) को दी गई जमानत का उनकी गिरफरी की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर कोई असर नहीं पड़ता.

 

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