नई दिल्ली: लोकसभा में कई दिनों से चला आ रहा गतिरोध सोमवार को खत्म हुआ और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चली। इस दौरान नियम 197 के तहत महंगाई पर चर्चा कराई गई। चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बढ़ती महंगाई को लेकर निशाना साधा और कहा कि सरकार ने बेहद जरूरी सामानों पर जीएसटी लगाकर आम गृहस्थी का बजट गड़बड़ा दिया है।
लोकसभा में चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस नेता ने पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले 14 महीनों में देश में महंगाई दर दो अंकों की रही है। सरकार ने रोजमर्रा की चीजों पर जीएसटी बढ़ा दी है। इसके चलते देश की 25 करोड़ परिवारों का बजट गड़बड़ा गया है।
वहीं दूसरी ओर सत्ता पक्ष की ओर से निशिकांत दूबे ने कहा कि दुनिया के कई देश इस समय खाद्य सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में भारत दुनिया को खाने-पीने की सामग्री निर्यात कर रहा है। यूक्रेन संघर्ष के चलते दुनिया में अनाज की कमी हुई है लेकिन भारत में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। उन्होंने फेक्ट चेकर वेबसाइट अल्ट न्यूज के हवाले से कहा कि 2014 से पहले भी 1100 रुपये तक का सिलेंडर था। उन्होंने कहा कि आलू, टमाटर प्याज के दमों में हाल के समय में कमी देखी गई है।
द्रमुक नेत्री कन्नीमोझी ने तमिल में महंगाई को लेकर सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं, वहीं कुछ उद्योगपति संपत्ति के मामले में विश्व में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। यह सरकार लोगों को नहीं कार्पोरेट को लाभ पहुंचा रही है।
इस दौरान तृणमूल कांग्रेस की सदस्य काकोली घोष ने रसोई गैस के बढ़ते दामों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को बिना पका खाना खाने को मजबूर कर रही है।