Himachal Pradesh : अरे वाह! शिमला की रहने वाली मुस्कान वास्तव में अद्भुत हैं। वे बचपन से ही दृष्टिहीन हैं, लेकिन उन्होंने अपनी इस कमजोरी को कभी अपना दोष नहीं समझा। उन्होंने मेहनत पर भरोसा रखा और एक बड़ा सफलता का मुकाम हासिल किया। मुस्कान ने संगीत में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और जिस कॉलेज से उन्होंने पढ़ाई की, वहां आज वे सहायक प्रोफेसर के पद पर बच्चों को पढ़ा रही हैं।
मुस्कान की जर्नी देती है सीख
मुस्कान नेगी शिमला जिले की चिडगांव तहसील के सिंदासली गांव की निवासी हैं। वे बचपन से दृष्टिहीन थीं, लेकिन उनके माता-पिता ने हर संभव समर्थन किया। मुस्कान का जुनून इतना अद्वितीय है कि लोकसभा चुनावों के दौरान भारतीय चुनाव आयोग ने उन्हें हिमाचल प्रदेश का स्टेट आइकन नियुक्त किया था।
मुस्कान ने अपनी स्कूली शिक्षा कुल्लू के ब्लाइंड स्कूल सुल्तानपुर और शिमला के पोर्टमोर स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने राजकीय कन्या महाविद्यालय शिमला से संगीत में स्नातक की डिग्री हासिल की और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से मास्टर की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद, मुस्कान ने नेट और सेट की परीक्षा भी उत्तीर्ण की। वर्तमान में, वे पीएचडी कर रही हैं और वर्ष 2023 में असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा भी पास की। मुस्कान का कहना है कि उनकी दृष्टिहीनता ही उनकी पढ़ाई के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा बनी। उन्होंने अपनी कमजोरी को अपनी ताकत में बदल दिया।
अमेरिका में भी जीता लोगों का दिल
मुस्कान की आवाज इतनी मधुर है कि वह किसी का भी दिल आसानी से जीत सकती हैं। उन्होंने एक ऑनलाइन रेडियो “उड़ान” से जुड़कर गायकी की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जो विशेष रूप से शारीरिक रूप से अक्षम लोगों द्वारा घर से संचालित की जाती है। मुस्कान ने इस प्रतियोगिता को भी जीत लिया। इसके बाद, बेंगलुरु के समर्थनम ट्रस्ट फॉर डिसेबल ने उन्हें स्पॉन्सर किया और अमेरिका भेजा। अमेरिका में मुस्कान ने अपनी प्रस्तुति दी और वहां लगभग ढाई महीने तक रहीं।