HMPV Virus: भारत में यू पी के साथ अब इन राज्यों में भी हुई HMVP की दस्तक, जानिए किस राज्य में मिले कितने मरीज़

भारत में HMPV के 12 मामले सामने आए हैं। यह वायरस फेफड़ों पर असर डालता है और ठंड से ज्यादा फैलता है। बचाव के लिए मास्क लगाएं और स्वच्छता का ध्यान रखें। सरकार ने कहा है कि स्थिति पर काबू पाने के लिए वह पूरी तरह से तैयार है

HMPV Virus : देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अब तक छह राज्यों में 12 केस सामने आए हैं। 10 जनवरी को राजस्थान के बारां जिले में एक और मामला सामने आया। यहां 6 महीने की एक बच्ची HMPV पॉजिटिव मिली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बच्ची 3 महीने पहले संक्रमित हुई थी। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है और कोटा में इलाज चल रहा है।

इन राज्यों HMPV के मामले

कई राज्यों में मिले नए मामले 10 जनवरी को तीन और केस मिले। लखनऊ में 60 साल की एक महिला, गुजरात के अहमदाबाद में 80 साल के बुजुर्ग, और हिम्मतनगर में 7 साल का एक बच्चा HMPV पॉजिटिव पाए गए। महाराष्ट्र और गुजरात में अब तक 3-3, कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2, जबकि पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 1-1 केस दर्ज हुए हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं।

HMPV क्या है, और कैसे फैलता है

HMPV एक ऐसा वायरस है जो इंसानों के फेफड़ों और श्वसन तंत्र पर असर डालता है। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में दर्द और सांस लेने में दिक्कत शामिल हैं। यह वायरस खांसने, छींकने या संक्रमित सतह को छूने से फैलता है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों को इससे ज्यादा खतरा होता है। WHO के अनुसार, यह वायरस पहली बार 2001 में मिला था। यह कोरोना की तरह तेजी से नहीं फैलता, लेकिन ठंड के मौसम में ज्यादा असर दिखाता है।

क्या कहते हैं डॉक्टर

AIIMS के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि HMPV नया नहीं है। इसका इलाज एंटीबायोटिक से नहीं किया जा सकता। ज्यादातर मरीज बिना इलाज के ठीक हो जाते हैं। डॉक्टर शशांक हेडा ने बताया कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यह साधारण सर्दी जुकाम जैसा है। बचाव के लिए मास्क पहनें और भीड़ से बचें।

बचाव कैसे करें

HMPV से बचने के लिए मास्क लगाएं, हाथ साफ रखें, और भीड़भाड़ से बचें। बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान रखें। पौष्टिक खाना खाएं और ज्यादा पानी पिएं। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें। सरकार ने कहा है कि यह गंभीर बीमारी नहीं है और आसानी से ठीक हो जाती है।

Exit mobile version