1 जुलाई को पूरे भारत में डॉक्टर्स डे (Doctors Day 2022) मनाया जाता है। एक इंसान के जीवन की शुरुआत से लेकर उसकी सुरक्षा के लिए हर पड़ाव पर एक डॉक्टर उसके साथ होता है। बच्चा जब जन्म लेता है तो डॉक्टर ही हैं जो मां के गर्भ से शिशु को दुनिया में लाते हैं। उसके बाद शिशु को रोगों से बचाने और सेहतमंद रखने के लिए जरूरी सभी जानकारी और वैक्सीनेशन आदि भी डॉक्टर की जिम्मेदारी होती है। जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसके शरीर में बदलाव शुरू होते हैं। इन सब बदलावों, समाज व लाइफस्टाइल का असर इंसान के स्वास्थ्य पर पड़ता है। एक डॉक्टर ही शारीरिक, मानसिक तकलीफ से ग्रसित इंसान के सभी दर्द और रोगों का निवारण करता है। इसलिए भारत में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है।
डॉक्टरों के इसी सेवा भाव, जीवन रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयत्नों और उनके काम को सम्मान देने के लिए हर साल जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। ये दिन डॉक्टरों को धन्यवाद देने का होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि डॉक्टर्स डे कब मनाया जाता है? राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने की शुरुआत क्यों हुई? पहली बार डॉक्टर्स डे क्यों और कैसे मनाया गया?
नेशनल डॉक्टर्स डे कब मनाया जाता है
दुनिया के हर देश में अलग-अलग तारीख को डॉक्टर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है. वहीं भारत में हर साल 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हर साल देश में राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस के कार्यक्रम का आयोजन करती है.
कब हुई डॉक्टर्स डे की शुरुआत?
भारत में पहली बार राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने की शुरुआत साल 1991 से हुई थी। इस साल केंद्र सरकार ने पहली बार डॉक्टर डे मनाया था। इस दिन को मनाने की शुरुआत एक डॉक्टर की याद में हुई थी। उनका नाम डॉ बिधान चंद्र राॅय था।
डॉक्टर्स डे 2022 की थीम
देश में हर साल डॉक्टर्स डे का सेलिब्रेशन किसी न किसी थीम पर आधारित होता है. इस वर्ष यानी साल 2022 के लिए नेशनल डॉक्टर्स डे की थीम ‘फैमली डॉक्टर्स ऑन दि फ्रंट लाइन’ निर्धारित की गई है.