इस्लामाबाद: पाकिस्तान में आर्थिक बदहाली और बिगड़ते हालात के बीच गिलगित बाल्टिस्तान की जनता ने विद्रोह की आवाज उठाकर और भारत में विलय की मांग कर एक नया मोर्चा खोल दिया है. जहां एख तरफ पाकिस्तान दाने दाने के लिए तरस रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में गिलगित बाल्टिस्तान एक बार फिर से भारत से जुड़ने की मांग कर रहा है. पाकिस्तान सरकार ने इस तरह के उग्रवाद के बारे में कभी नहीं सोचा होगा.
पाकिस्तान की तरफ से सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से यह जानकारी सामने आ रही है, जबकि पाकिस्तान की मुख्यधारा की मीडिया ने इस तरह के प्रदर्शनों की अनदेखी की है. गिलगित बाल्टिस्तान में हो रहे प्रदर्शनों के वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं. जिसमें लोगों को पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ नारेबाजी करते देखा जा सकता है. प्रदर्शनकारी कारगिल के साथ अपने क्षेत्र के एकीकरण की मांग कर रहे हैं, जो भारत के लद्दाख क्षेत्र में आता है.
पंजाब को छोड़कर पाकिस्तान के करीब करीब सभी प्रांतों ने पाकिस्तान से अलग होने की इच्छा व्यक्त कर चुके है, हालाँकि, किसी भी प्रांत ने भारत में विलय की इच्छा व्यक्त नहीं की है. लेकिन गिलगित बाल्टिस्तान ने भारत में विलय की मांग की है. यह पूरे कश्मीर विवाद पर पाकिस्तान के नैरेटिव के लिए घातक साबित हो सकता है. भारत ने अभी तक आधिकारिक तौर पर इस घटनाक्रम पर कुछ नहीं कहा है. लेकिन पाकिस्तान के हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं.
गिलगित बाल्टिस्तान ने उठाई भारत में शामिल होने की मांग
लेकिन जब पाकिस्तान वैश्विक मंचों पर कश्मीर पर चर्चा करने की कोशिश करेगा तो भारत इन प्रदर्शनों को मिसाल के तौर पर रख सकता है. भारत, सामाजिक कार्यकर्ता और मीडिया क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना के दमन, संसाधनों के अन्यायपूर्ण दोहन, मुद्रास्फीति और बेरोजगारी सहित अन्य मुद्दों को लगातार उजागर कर रहे हैं. इस वक्त पाकिस्तान की पूरी आबादी दाने दाने के लिए तरस रही है. इसलिए अब गिलगित बाल्टिस्तान के लोग भारत की ओर पूरी उम्मीद से देख रहे हैं.
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